गोरखपुर में आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने की शुरू कवायद, 24 में 22 घंटे तक संचालित हो रहे आक्सीजन प्लांट
गोरखपुर के गीडा के तीनों प्लांट में दिन-रात काम हो रहा है। 20 से 22 घंटे तक प्लांट में रिफिलिंग का काम चल रहा है। दो शिफ्टों में एक-एक घंटे का भोजनावकाश होता है उसी समय प्लांट बंद रहता है।
गोरखपुर, जेएनएन। अस्पतालों के साथ-साथ होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को भी आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण में आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने की कवायद चल रही है। गीडा के तीनों प्लांट को पूरी क्षमता पर संचालित किया जा रहा है। मोदी केमिकल्स के दोनों प्लांट की क्षमता बढ़कर इस समय करीब 2600 आक्सीजन सिलेंडर की हो गई है। इसमें से प्रत्येक सिलेंडर में करीब छह क्यूबिक मीटर गैस भरी जा रही है। इसी तरह आरके आक्सीजन की क्षमता भी बढ़ी है। सोमवार को अस्पतालों से आक्सीजन की कमी को लेकर शिकायतें न के बराबर आयीं।
वर्तमान में संचालित हो रहे गीडा के तीनों प्लांट में दिन-रात काम हो रहा है। 20 से 22 घंटे तक प्लांट में रिफिलिंग का काम चल रहा है। दो शिफ्टों में एक-एक घंटे का भोजनावकाश होता है, उसी समय प्लांट बंद रहता है। गीडा में इस समय करीब 3200 आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन (करीब 19200 क्यूबिक मीटर) किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त डेढ़ क्यूबिक मीटर वाले छोटे सिलेंडर की रिफिलिंग भी हो रही है। तीनों प्लांट से प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति हो रही है।
डाक्टर के अनुमोदन पर व्यक्तिगत रूप से भी भरे जा रहे सिलेंडर
गीडा स्थित प्लांट में डाक्टर के अनुमोदन पर व्यक्तिगत रूप से भी सिलेंडर भरे जा रहे हैं। मोदी केमिकल्स में डेढ़ क्यूबिक मीटर क्षमता वाले छोटे सिलेंडर निश्शुल्क रिफिल किए जा रहे हैं। आरके आक्सीजन के अजय जायसवाल ने बताया कि प्रशासन के निर्देश के बाद उनके यहां जो लोग अपना सिलेंडर लेकर आ रहे हैं, उसकी रिफिलिंग की जा रही है। अलग-अलग बैच में सिलेंडर भरे जाते हैं, इसीलिए लोगों को कुछ देर इंतजार भी करना पड़ता है। व्यक्तिगत रूप से सिलेंडर भरवाने के लिए डाक्टर का लिखित अनुमोदन चाहिए कि मरीज को आक्सीजन की जरूरत है।
चौथे प्लांट में भी उत्पादन जल्द
गीडा के चौथे प्लांट यानी अन्नपूर्णा गैसेज में भी जल्द आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। प्लांट के लिए मोटर मंगलवार की सुबह तक गोरखपुर पहुंच जाने की संभावना है। इसके बाद दो से तीन दिनों में ट्रायल कर उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।