North Eastern Railway: स्टेशन पर बंद पड़े हैं एस्केलेटर और लिफ्ट, बुजुर्ग एवं महिलाओं को चढ़ने-उतरने में हो रही परेशानी Gorakhpur News
प्लेटफार्म नंबर एक दो और नौ को छोड़ दिया जाए तो अन्य पर जाने के लिए सीढियां चढ़नी पड़ती है। एस्केलेटर और लिफ्ट के बंद होने से चादर और कंबल साथ लेकर सीढि़यां चढ़ने उतरने में यात्रियों की सांसें फूल जा रही हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। एक जून से स्पेशल ट्रेनों के चलने के साथ ही रेलवे स्टेशनों पर चहल-पहल बढ़ गई। आज गोरखपुर से लगभग तीन दर्जन स्पेशल ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं। यात्रियों की संख्या भी बढ़ गई। प्रतिदिन औसत करीब 30 हजार लोग स्टेशन से आवागमन कर रहे हैं। लेकिन अभी तक रेलवे स्टेशन के न एस्केलेटर (स्वचालित सीढी) चले और न ही लिफ्ट। बुजुर्ग, महिला और बच्चों को फुट ओवरब्रिज पर चढ़ने और उतरने में परेशानी हो रही है।
उम्रदराज लोगों की फूल जाती हैं सांसे
प्लेटफार्म नंबर एक, दो और नौ को छोड़ दिया जाए तो अन्य पर जाने के लिए सीढियां चढ़नी पड़ती है। एस्केलेटर और लिफ्ट के बंद होने से चादर और कंबल साथ लेकर चल रहे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। फुट ओवर ब्रिज पर भारी सामान लेकर चढ़ने उतरने में सांसें फूल जा रही हैं। सर्वाधिक परेशानी कोचीन एक्सप्रेस के आने और गोरखधम के जाने के समय होता है। यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर आठ और नौ पर आने जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।
आटोमेटिक वाटर वेंडिंग मशीनें भी बंद
जानकारों का कहना है कि रेलवे प्रशासन को भीड़ के समय ही सही एस्केलेटर और लिफ्ट चला देना चाहिए। ताकि, अधिक से अधिक लोगों को सहूलियत मिल सके। यही नहीं पांच माह हो गए लेकिन अभी तक प्लेटफार्मों पर स्थित आटोमेटिक वाटर वेंडिंग मशीनें नहीं खुल पाई। यह मशीनें भी एस्केलेटर और लिफ्ट की तरह प्लेटफार्मों की शोभा बढ़ा रही हैं। यात्री स्टालों से महंगे दाम पर पानी की बोतलें खरीदने को मजबूर हैं। वाटर वेंडिंग मशीनों से महज पांच से आठ रुपये में पीने का शुद्ध पानी मिल जाता है। रेलवे स्टेशन पर करीब 12 मशीनें लगी हुई हैं। इसके अलावा प्लेटफार्म नंबर दो और नौ पर एक-एक एस्केलेटर तथा अंदर प्लेटफार्म नंबर एक और नौ सहित कुल सात लिफ्ट हैं। आठवां लग रहा है।