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महराजगंज में इंसेफ्लाइटिस वार्ड फुल, 15 बेड पर 40 बच्चे

100 बेड के जिला अस्पताल के प्रथम तल पर 15 बेड का इंसेफ्लाइटिस वार्ड बनाया गया है। इस समय इंसेफ्लाइटिस के साथ तेज बुखार निमोनिया डायरिया और सांस फूलने के मरीजों में तेजी से इजाफा हो रहा है। बच्चों को भर्ती करने की जगह ही नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 01:57 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 01:57 AM (IST)
महराजगंज में इंसेफ्लाइटिस वार्ड फुल, 15 बेड पर 40 बच्चे
महराजगंज में इंसेफ्लाइटिस वार्ड फुल, 15 बेड पर 40 बच्चे

महराजगंज: मौसम परिवर्तन के कारण बच्चों में वायरल बुखार, निमोनिया, डायरिया और सांस फूलने की समस्याएं तेजी से बढ़ रहीं हैं। जिला अस्पताल का इंसेफ्लाइटिस वार्ड फुल हो गया है। वार्ड के 15 बेड पर 40 बच्चे भर्ती है, जिससे एक-दूसरे में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।

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100 बेड के जिला अस्पताल के प्रथम तल पर 15 बेड का इंसेफ्लाइटिस वार्ड बनाया गया है। इस समय इंसेफ्लाइटिस के साथ तेज बुखार, निमोनिया, डायरिया और सांस फूलने के मरीजों में तेजी से इजाफा हो रहा है। बच्चों को भर्ती करने की जगह ही नहीं है। एक-एक बेड पर चार-चार बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। मरीजों के बढ़ने से व्यवस्था लड़खड़ा सी गई है। वार्ड में तीमारदारों की भीड़ लगी रह रही है। नेबुलाइजेशन के लिए लगी रही लाइन

मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वार्ड में बच्चों के नेबुलाइजेशन के लिए भी लाइन लगी रही। माता अथवा पिता अपने बच्चों को लेकर नेबुलाइजेशन के लिए इंतजार करते रहे। दरअसल फेफड़ों तक दवा पहुंचाने के लिए नेबुलाइजर का प्रयोग किया जाता है। ताकि मरीज के फेफड़ों तक सीधे दवा पहुंच सके और उन्हें राहत मिल सके। ''मौसम परिवर्तन के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। उपलब्ध संसाधन में मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वार्ड में भीड़ न लगे इसके लिए वहां स्टाफ नर्सों को निर्देशित किया गया है।

- डा. एके राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ''बेटी अपूर्वा की तबीयत खराब हुई तो उसे शनिवार को भर्ती कराया गया। एक जांच तो अस्पताल में हुआ, लेकिन एक अन्य जांच को डाक्टर ने बाहर से कराने को कहा है।

-निशा, दरहटा ''बेटा फहद को मंगलवार की दोपहर में भर्ती कराया गया है। लेकिन अभी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ है। डाक्टर क्या इलाज कर रहे हैं, कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

इम्ताब, गनेशपुर ''बेटी अंशिका को बुखार, उल्टी और सांस फूलने की परेशानी थी। उसे शनिवार को भर्ती कराई हूं। सूई लग रहा है, लेकिन कोई दवा नहीं मिली है। पांच दिन हो गया है। बेटी अचेत पड़ी है।

फूलझड़ी, महराजगंज ''बेटे अंशु को निमोनिया की शिकायत है। मंगलवार को भर्ती किया हूं। जांच बाहर से कराना पड़ा है। इलाज चल रहा है। लेकिन व्यवस्था ठीक नहीं है। भीड़ से मरीजों को परेशानी हो रही है।

-अश्वनी तिवारी, बांसपार मिश्र


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