देसी गायों की संख्या बढ़ाने पर जोर, अब तीन सौ गांवों में देसी गाय पालने का लक्ष्य Gorakhpur News
जिले के गांवों के साहीवाल खरपारकर गिर हरियाणवी जैसी देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए 100 गांवों का चयन किया गया था। अब 300 गांवों को योजना में शामिल किया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत जिले के 100 गांवों में देसी गाय की संख्या बढ़ाने की दिशा में लक्ष्य प्रभावित होता देख पशु पालन विभाग ने अब 300 गांवों को योजना में शामिल किया गया है। वित्तीय वर्ष के अंत तक लक्ष्य पूरा करने की तैयारी है।
पहले हुआ था एक सौ गांवों का चयन
जिले के गांवों के साहीवाल, खरपारकर, गिर, हरियाणवी जैसी देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए 100 गांवों का चयन किया गया था पर पिछले चार माह में सिर्फ तीन हजार निश्शुल्क गर्भाधान किया जा सका। बावजूद इसके विभाग निर्धारित 20 हजार लक्ष्य से बहुत पीछे हैं। गांवों में इसके प्रति रुचि भी कम दिख रही है।
पशु पालन विभाग को लक्ष्य हुआ निर्धारित
सप्ताह भर पूर्व गांवों की संख्या बढ़ाकर 300 की गई। फिर भी यदि 20 हजार गर्भाधान के लक्ष्य को पूरा करना है तो ग्रामीणों जागरूक करने पर ध्यान देना होगा। ताकि प्रतिमाह करीब सात हजार गर्भाधान हो सके।
ग्रामीणों को योजना की नहीं दे सके उचित जानकारी
इस योजना को लेकर अभी ग्रामीणों में असमंजस की स्थिति है। कौडिय़ा के रामप्रसाद, सिक्टौर के मोहन कुमार का कहना है कि सड़क व खेत में निराश्रित व बेसहारा गोवंश की संख्या अधिक है। देसी गाय से दूध का उत्पादन भी कम है, जबकि इस योजना के तहत जिन नस्लों को लेकर गर्भाधान किया जा रहा है। उससे दुग्ध का उत्पादन भी बेहतर है। बावजूद इसके विभाग इस बात को लोगों को नहीं समझा पा रहा है।
लक्ष्य पूरा करेगा विभाग
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. डीके शर्मा के अनुसार 100 गांव में सिर्फ तीन हजार तक गर्भाधान हो सका है। इसलिए इसे बढ़ाकर 300 गांव किया गया है ताकी वित्तीय वर्ष के अंत तक तक 20 हजार के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।