एक वर्ष में 540 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण का काम पूरा Gorakhpur News
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि सभी बड़ी रेल लाइनों के विद्युतीकरण कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है। अधिकतर कार्य पूरे हो गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। जल्दी ही पूर्वोत्तर रेलवे के सभी रूटों पर इलेक्ट्रिक इंजनों से ही ट्रेनें चलेंगी। डीजल की खपत नहीं होने से राजस्व की बचत तो होगी ही पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। पूर्वोत्तर रेलवे में युद्धस्तर पर विद्युतीकरण की तैयारी चल रही है। महज एक वर्ष में 540 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण पूरा कर लिया गया है।
31 मार्च तक पूरा हुआ इस रूट का काम
एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक मनकापुर-कटरा-अयोध्या, जलालपुर-थावे, थावे-राजापट्टी, डालीगंज-सीतापुर, राजापट्टी-छपरा कचहरी, मेंडू-कासगंज-दरियावगंज-फर्रुखाबाद और कन्नौज-कल्याणपुर रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा हो गया है।
लूप लाइनों का ही काम बाकी
अब सिर्फ लूप लाइनों (साइड लाइन) का ही विद्युतीकरण शेष रह गया है। वह भी नए वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूरा कर लिया जाएगा। फिलहाल, लॉकडाउन के चलते कार्य ठप है। लेकिन लॉकडाउन समाप्त होते ही फिर से कार्य आरंभ हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा लगभग 425 किमी मुख्यमार्ग पर पिछले दो वर्ष से इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनें फर्राटा भर रही हैं। गोरखपुर- नरकटियागंज रेलमार्ग पर भी दिसंबर 2019 से इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनों का संचलन हो रहा है। छपरा-बलिया- वाराणसी रेलमार्ग का भी विद्युतीकरण हो चुका है। गोरखपुर- आनंदनगर- नौतनवां तथा गोरखपुर- आनंदनगर- बढऩी- गोंडा रेलमार्ग पर जल्द ही कार्य आरंभ हो जाएगा।
भटनी-औडि़हार 120 रेलमार्ग का विद्युतीकरण भी पूरा
भटनी- औडि़हार लगभग 120 किमी रेलमार्ग तथा कासगंज- बरेली रूट का विद्युतीकरण भी पूरा हो चुका है। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) के निरीक्षण के बाद ट्रेनों के संचलन की हरी झंडी मिल जाएगी। इसके बाद कृषक, इंटरसिटी, चौरीचौरा और दादर एक्सप्रेस भी इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगेंगी।
सभी कार्य निर्धारित समय में होंगे पूरे
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि सभी बड़ी रेल लाइनों के विद्युतीकरण कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है। अधिकतर कार्य पूरे हो गए हैं, जो कार्य शेष हैं उन्हें भी निर्धारित समय में पूरा कर लिया जाएगा।