मीटर रीडरों की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं बिजली उपभोक्ता, कार्रवाई की तैयारी में बिजली निगम Gorakhpur News
अफसरों की जांच में सूरजकुंड और नार्मल क्षेत्र के नौ उपभोक्ताओं के बिजली मीटर में 50 हजार से ज्यादा यूनिट रीडिंग स्टोर मिली। यदि सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल बनाया जाए तो साढ़े तीन लाख रुपये के राजस्व का बिजली निगम को नुकसान हो रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। मीटर रीडरों पर लगातार कार्रवाई के बाद भी उनकी मनमानी कम नहीं हो रही है। कागजों में हर महीने बिजली का बिल बन रहा है लेकिन मौके पर जांच में मीटर में हजारों यूनिट रीडिंग स्टोर मिल रही है।
बिजली निगम के अफसरों की जांच में सूरजकुंड और नार्मल क्षेत्र के नौ उपभोक्ताओं के बिजली मीटर में 50 हजार से ज्यादा यूनिट रीडिंग स्टोर मिली। यदि सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल बनाया जाए तो साढ़े तीन लाख रुपये के राजस्व का बिजली निगम को नुकसान हो रहा है।
केस एक : नार्मल उपकेंद्र से जुड़े महेवा राय कालोनी निवासी विनय कुमार द्विवेदी के मीटर की जांच हुई तो रीडिंग 19695 यूनिट मिली। मीटर रीडर ने सिर्फ 1515 यूनिट का ही बिल बनाया था। यानी 18180 यूनिट बिल मीटर में स्टोर था।
केस दो : सूरजकुंड निवासी मो. शमीमुल के मीटर की हर महीने रीडिंग होती है। मीटर रीडर के रिकार्ड में रीडिंग दर्ज है। बिजली निगम के अफसरों ने जांच की तो पता चला कि मीटर में 20335 यूनिट स्टोर है।
कई इलाकों में नहीं जा रहे मीटर रीडर
मीटर रीडरों की मनमानी का आलम यह है कि कई इलाकों में रीडिंग ही नहीं हो रही है। बिजली निगम के अफसर जब मीटर रीडिंग के लिए जिम्मेदार एजेंसी के अफसरों से बात करते हैं तब कहीं जाकर रीडिंग शुरू की जाती है। रीडिंग न होने से उपभोक्ता परेशान रहते हैं।
गलत बिल से भी परेशानी
बिना मीटर की जांच किए बिल बनाने से उपभोक्ताओं की मुश्किल बढ़ रही है। कई मीटर रीडर घर बैठे इतनी कम रीडिंग फीड करते हैं कि बिल ही गड़बड़ हो जाता है। इस बिल को सुधारने के लिए उपभोक्ताओं को निगम के कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ता है।
मीटर रीडरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद भी मीटर में भारी पैमाने पर रीडिंग स्टोर के मामले मिल रही हैं। एजेंसी के अफसरों को तलब कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा। - यूसी वर्मा, अधीक्षण अभियंता शहर