बस्ती में 110 साल की बुजुर्ग महिला ने पहली बार ली फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक
बस्ती जिले के विक्रमजोत ब्लाक के शंकरपुर गांव में स्वास्थ्य टीम की मदद से भ्रांति दूर हुई। कभी दवा का सेवन न करने वाली बुजुर्ग महिला ने स्वास्थ्य कर्मियों से पहले तो दवा लेने से इनकार कर दिया लेकिन समझाने- बुझाने पर मान गई।
गोरखपुर, जागरण टीम। बस्ती जिले के विक्रमजोत ब्लाक के शंकरपुर गांव में 110 साल की बुजुर्ग महिला ने जीवन में पहली बार फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक ली। बुजुर्ग महिला ने कभी दवा का सेवन नहीं किया था। इसलिए वो इस दवा के सेवन से डर रही थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला के घर पहुंची तो उसने फाइलेरिया रोधी दवा खाने से मना कर दिया। उसे दवा लेने के फायदे बताए तो वो तैयार हो गई। बुजुर्ग को दवा खिलाने के बाद आशा कार्यकर्ता ने उनके स्वास्थ्य पर 24 घंटे तक नजर रखी। इस दौकान उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।
आशा कार्यकर्ता मंजू मौर्या गांव निवासी बुजुर्ग जन्नतुन्निसा के घर फाइलेरिया की दवा खिलाने पहुंची थी। बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी तरह ही दवा का सेवन नहीं किया है। उन्हें दवा से होने वाले नुकसान से डर लगता है।
उन्हें बताया कि इस दवा का शरीर पर किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। यह हाथीपांव मर्ज की दवा है। पांच साल तक लगातार अगर यह दवा साल में एक बार खा ली जाए तो उस व्यक्ति को फाइलेरिया या हाथीपांव का मर्ज नहीं होता है। अगर शरीर में पहले से इस रोग के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं तो दवा खाने से यह निष्क्रिय हो जाते हैं।
समझाने के बाद वह दवा खाने के लिए तैयार हो गईं। बुजुर्ग सहित उनके घर में सात लोग हैं। सभी को दवा खिलवाई गई। टीम में पीसीआई के एसएमसी आशीष कुमार सिंह भी शामिल रहे।
दो साल से ऊपर वालों को देनी है दवा: जिला मलेरिया अधिकारी आईए अंसारी ने बताया कि फाइलेरिया की दवा दो साल से ऊपर वालों को ही खिलानी है। दो साल तक के बच्चों, गर्भवती व अत्यंत बुजुर्ग व बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलाई जाएगी। देश से वर्ष 2025 तक फाइलेरिया का खात्मा करना है। यह एक विशेष प्रकार की मादा मच्छर के काटने से फैलता है। एक बार फाइलेरिया का रोग हो जाने पर यह पूरी तरह ठीक नहीं होता है। रोग से बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है।