Lockdown 3: शिक्षा मंत्री ने की शिक्षकों और छात्रों से बातचीत, जानें- किस मुद्दे पर हुए सवाल Gorakhpur News
गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों ने भी अपने-अपने सवाल फेसबुक इनबॉक्स के जरिये किया। पोखरियाल ने बारी-बारी से सवालों का जवाब दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में शिक्षण की वर्तमान व्यवस्था को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक मंगलवार को फेसबुक व ट्विटर लाइव के जरिये मुखातिब होकर छात्रों व शिक्षकों के साथ अभिभावकों में भी ऊर्जा भर गए। निर्धारित समय के मुताबिक दोपहर ठीक 12 बजे जैसे ही फेसबुक लाइव पर मंत्री जी नजर आए सवालों के पूछे जाने का सिलसिला शुरू हो गया।
विद्यार्थियों व शिक्षकों ने भी किया सवाल
गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों ने भी अपने-अपने सवाल फेसबुक इनबॉक्स के जरिये किया। हालांकि देशव्यापी कार्यक्रम होने की वजह से सवालों की फेहरिस्त लंबी थी, सो पोखरियाल ने बारी-बारी से सवालों का जवाब दिया। सीधे तौर पर तो सभी के सवालों के जवाब नहीं मिले, लेकिन शंका-समाधान लगभग सभी का हो गया। ऐसा इसलिए कि उनके जवाब सारगर्भित और सार्वजनिक थे।
छात्रों ने शिक्षामंत्री से की मांग
लाइव सेशन में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की शोध छात्रा सुप्रिया राय ने ऑनलाइन कक्षाओं को लाभकारी बताते हुए विद्यार्थियों को निर्बाध नेट की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराने की मांग की। जबकि छात्र मंतोष यादव ने विद्यार्थियों के लिए परामर्श कक्षाओं को आवश्यक बताते हुए इसे चलाने पर जोर दिया। शोध छात्र अश्विनी त्रिपाठी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से प्री-पीएचडी की सभी कक्षाएं नहीं हो पाईं हैं। ऐसे में सभी छात्रों का शोध पंजीकरण किया जाए। वहीं शोध छात्रा झुंपा सरकार मंडल ने नेटवर्क की समस्या में सुधार व नेटपैक में कटौती की मांग की।
परीक्षाओं के बारे में मांगी जानकारी
पीजी की छात्रा हर्षिता शुक्ला ने सवाल किया कि हमारी सेमेस्टर की परीक्षाएं किस माध्यम होगी, ऑनलाइन या ऑफलाइन? जबकि छात्रा किरन यादव ने लॉकडाउन की अवधि में कौशल विकास के कार्यक्रमों को चलाने का सुझाव दिया। शोध छात्र यादवेंद्र प्रताप सिंह ने इस संवाद को छात्रों को प्रेरित करने वाला बताया।
शिक्षामंत्री ने की सभी की शंकायें दूर
कार्यक्रम के समन्वयक व विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के आचार्य प्रो.अजय कुमार शुक्ला ने लाइव सेशन को लाभकारी बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों व शिक्षकों की शंकाओं को दूर किया जो सराहनीय हैै। प्रोफेसर शोभा गौड़ ने भी इस पहल को सराहनीय बताया। जबकि समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा.मनीष पांडेय ने वर्तमान वस्तु स्थिति की जानकारी देते हुए सुझाव दिया कि स्थिति स्थिर होने के बाद ही परीक्षा कराना उचित होगा, क्योंकि कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं।
संवाद से छात्रों का बढ़ा मनोबल
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा छात्रों व शिक्षकों से सीधा संवाद करने की पहल सराहनीय है। इस संवाद से संकट के इस समय में देशभर के छात्रों का मनोबल बढ़ा है।