सीमा क्षेत्र के प्रत्येक आधार केंद्रों की होगी जांच, जानिए क्यों लिया गया ये फैसला Gorakhpur News
महराजगंज में जालसाजों के फरेंदा डाकघर की आइडी से नेपाली नागरिकों के आधार पंजीकरण के मामले का भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने संज्ञान लिया है। यूआइडीएआइ की टीम ने महराजगंज पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी ली।
गोरखपुर, जेएनएन : महराजगंज में जालसाजों के फरेंदा डाकघर की आइडी से नेपाली नागरिकों के आधार पंजीकरण के मामले का भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने संज्ञान लिया है। यूआइडीएआइ की टीम ने महराजगंज पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी ली और सीमा क्षेत्र के प्रत्येक आधार केंद्रों के डाटा जांच की बात कही हैं।
फरेंदा डाकघर से बनाए जा रहे थे आधार कार्ड
सात फरवरी को महराजगंज साइबर सेल के प्रभारी मनोज पंत व फरेंदा के प्रभारी निरीक्षक गिरिजेश उपाध्याय की टीम ने फरेंदा डाक विभाग की आइडी से गोरखपुर कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के भौराबारी में नेपाली नागरिकों के आधार बनाने के मामले का पर्दाफाश किया था। इसमें सोनौली के दिलशाद, सहायक आटो चालक अमरनाथ व गोरखपुर के भौराबारी के विमलेश को गिरफ्तार कर लिया गया था। जांच में पता चला कि सभी आधार कार्ड फरेंदा डाकघर और दो अन्य आइडी से बनाए जा रहे थे। यह तीनों आइडी अलग-अलग संस्थानों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) की ओर से जारी किए जाते हैं।
500 से अधिक नेपाली नागरिकों का आधार पंजीकरण
पुलिस की अबतक की जांच में 500 से अधिक नेपाली नागरिकों के आधार पंजीकरण किए जाने की जानकारी सामने आई है। अभी और कितने बने हैं, इसकी जांच हो रही है। इस पूरे मामले में जांच चल ही रही थी कि इसी बीच यूआइडीएआइ की दिल्ली आफिस से एक टीम ने महराजगंज पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी ली है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि इस केस में अभी जांच जारी है। उन्हें जांच के लिए सभी साक्ष्य दिए जाएंगे। उनके समन्वय से मामले की जांच में पुलिस को काफी सहायता मिलेगी।
12 साल पूर्व हुए घोटाले में भ्रष्टाचार और गबन का मुकदमा
निचलौल ब्लाक के आंबेडकर ग्राम रहे बूढ़ाडीह खुर्द के विकास के लिए वर्ष 2007-08 में आए 7.50 लाख रुपये की अनियमितता के मामले में 12 साल बाद सतर्कता अधिष्ठान गोरखपुर में तत्कालीन ग्राम प्रधान व तत्कालीन सचिव पर गबन और भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ है। सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) गोरखपुर सेक्टर के निरीक्षक अर्जुन यादव ने तत्कालीन प्रधान पार्वती देवी एवं ग्राम सचिव स्वामीनाथ गुप्ता के खिलाफ गोरखपुर में गबन, धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमे के अनुसार वर्ष 2007-08 में गांव में पक्की नाली एवं खड़ंजा कार्य के लिए ग्राम पंचायत के खाते से तत्कालीन ग्राम प्रधान व तत्कालीन सचिव ने 14 लाख रुपये की निकासी की थी, लेकिन मात्र छह लाख 50 हजार 778 रुपये का ही कार्य कराया गया था। बाकी सात लाख 49 हजार 222 रुपये गबन कर लिया गया।