छोटी गंडक ने बदला रूख, कुशीनगर में बाढ़ का खतरा मंडराया
कुशीनगर में गंडक नदी का रूख बदलने से बाढ़ का खतरा गहरा गया है। बस्ती जनपद में सरयू फिर उफान पर आ गई है।
गोरखपुर, (जेएनएन) : कुशीनगर में छोटी गंडक का रुख बदलने से कटान आैर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अंधाधुंध किए जा रहे बालू के अवैध खनन से परिवर्तित हुई धारा की वजह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व ब्लाक कार्यालय से नदी का फासला अब चंद मीटर शेष रह गया है। शीघ्र बचाव के उपाय नहीं किए गए तो आने वाले दिनों में सीएचसी व ब्लाक परिसर को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा।
जानकारों की मानें तो छोटी गंडक पर लोक निर्माण विभाग द्वारा रामजानकी पुल निर्माण के समय से ही यह समस्या खड़ी हो गई थी। पुल की वजह से नदी का बहाव दक्षिण की तरफ अधिक हो गया। विभिन्न जगहों पर बेरोकटोक किए जा रहे बालू का अवैध खनन भी एक बड़ी वजह बताई जा रही है। नदी के दक्षिण किनारे स्थित किसानों की भूमि कटान की वजह से नदी में विलीन हो रही है। कुछ किसान तो भूमिहीन होने के कगार पर पहुंच गए हैं। कप्तानगंज कस्बा के सभासद सतीश यादव, जयश्री प्रसाद, भोला यादव, रामनारायन यादव, पूर्व प्रधान पारसनाथ, राकेश, सुरेंद्र गोंड, मैनुद्दीन, भोला वर्मा, रामलखन, राजेश, अनिल कुमार खेतान आदि का कहना है कि नदी के दक्षिणी-पूर्वी तट पर बचाव के उपाय शीघ्र नहीं किए गए तो स्थिति भयावह हो सकती है। उपजिलाधिकारी विपिन कुमार ने कहा कि रामजानकी पुल व साहबगंज के बीच बालू खनन को हर हाल में रोका जाएगा। नदी के बदले रुख की जानकारी जिलाधिकारी को देकर बाढ़ खंड से बचाव कार्य के लिए पत्र लिखा जाएगा।
बस्ती में फिर बढऩे लगा सरयू का जलस्तर
उधर, बस्ती जनपद में भी सरयू नदी का जलस्तर बढऩे लगा है। माझा क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। केंद्रीय जल आयोग अयोध्या के अनुसार शुक्रवार को नदी का जलस्तर बढ़ कर 91.70 मीटर हो गया। जो चेतावनी बिंदु से मात्र 3 सेंटीमीटर नीचे है। नदी के अचानक बढऩे से माझा क्षेत्र में बसे गांवों में एक बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने बाढ़ हटने से कुछ राहत की सांस ही ली थी कि नदी के बढ़ते जलस्तर और उससे हो रही कटान ने लोगों की नींद उड़ा दी है। शुक्रवार को विक्रमजोत विकास खंड के बांध विहीन क्षेत्र केशवपुर, बाघानाला ,कल्यानपुर ,भरथापुर ,सहजौरा समेत कई स्थानों पर कटान करने लगी जिससे ग्रामीणों में खौफ व्याप्त है।