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ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक, 75 से अधिक की रफ्तार से नहीं दौड़ेंगी ट्रेनें Gorakhpur News

रेलवे ने कोहरे से बचाव की तैयारी शुरू कर दी है। संरक्षा और सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए फाग सेफ डिवाइस वाली ट्रेनें अधिकतम 75 और बिना डिवाइस वाली ट्रेनें 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ही दौड़ेंगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 11:39 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 11:39 AM (IST)
ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक, 75 से अधिक की रफ्तार से नहीं दौड़ेंगी ट्रेनें Gorakhpur News
रेलवे ने कोहरे से बचाव की तैयारी शुरू कर दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। ठंड की दस्तक और 15 नवंबर से कोहरे का असर दिखने की आशंका के बीच रेलवे ने ट्रेनों की गति निर्धारित कर दी है। संरक्षा और सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए फाग सेफ डिवाइस वाली ट्रेनें अधिकतम 75 और बिना डिवाइस वाली ट्रेनें 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ही दौड़ेंगी। आदेश का अनुपालन कराने के लिए मुख्यालय गोरखपुर ने संबंधित विभागों समेत लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल को दिशा-निर्देश जारी किया है। अभी ये ट्रेनें 60 से 110 किमी की रफ्तार से चल रही हैं।

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फाग सेफ डिवाइस लगाना अनिवार्य

फिलहाल, रेलवे ने सभी ट्रेनों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया है। ट्रेन की रेक में सबसे पीछे लगने वाले कोच में लाल बत्ती की जगह फ्लै¨शग टेल लैंप लगाए जाएंगे। समपार फाटकों पर ट्रेन की गति कम करनी होगी। फाटक पर सीटी बजाना अनिवार्य होगा। 15 दिसंबर से 31 जनवरी के बीच लोको पायलट और गाडरें के लिए पुनश्चर्या पाठ्यक्रम व मेडिकल परीक्षण जैसे कार्यक्रम नहीं होंगे। संबंधित अधिकारी व कर्मचारी रात के समय इंजन पर चलकर फुटप्लेटिंग (नजदीक से रेल लाइन का निरीक्षण) करेंगे।

अपनाए जाएंगे यह मानक

सिग्नल के पास रेल लाइन पर चूने की मार्किंग होगी।

सिग्नल से पहले रेल लाइनों पर बांधे जाएंगे पटाखे।

दृश्यता जांच के बाद ही ट्रेनों को मिलेगा सिग्नल।

सिग्नल से 500 मीटर पहले अलर्ट कर देती है डिवाइस

घने कोहरे में फाग सेफ डिवाइस सिग्नल और समपार फाटक से 500 मीटर पहले ही लोको पायलट को अलर्ट कर देती है। वह बता देती है कि सिग्नल रेड है, ग्रीन है या येलो। जानकारी होने के साथ ही लोको पायलट ट्रेन की गति नियंत्रित कर लेते हैं। जीपीएस आधारित इस डिवाइस में आडियो-वीडियो, दोनों सिस्टम काम करते हैं। यह डिवाइस लोको पायलट को झपकी नहीं लेनी देती। बीप की आवाज से हर पल जगाती रहती है।

ट्रेन संचालन में संरक्षा सर्वोपरि है। कोहरे के मौसम में निर्बाध गति से ट्रेनें चलाने के लिए सभी संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। - एसएन शाह, प्रमुख संरक्षा अधिकारी पूर्वोत्‍तर रेलवे। 


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