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कोरोना के कारण मुंबई से आने वाली कई ट्रेनों में नो रूम, रेलवे चलाएगा अतिरिक्त ट्रेनें

रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर से मुंबई के बीच दो जोड़ी स्पेशल एक्सप्रेस की घोषणा पहले ही कर दी है। बुधवार को मंडुआडीह और लखनऊ से भी एक-एक स्पेशल ट्रेनों की घोषणा कर दी। जल्द ही कुछ और ट्रेनों को चलाने की हरी झंडी मिल जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 08:14 AM (IST)
कोरोना के कारण मुंबई से आने वाली कई ट्रेनों में नो रूम, रेलवे चलाएगा अतिरिक्त ट्रेनें
कोरोना के कारण मुंबई की सभी ट्रेनें फुल आ रही हैं। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और पंचायत चुनाव को लेकर मुंबई से गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। कहीं आने वाले दिनों में पिछले साल जैसी घटना न हो जाए और स्टेशनों पर लोगों की भीड़ न उमड़ पड़े। इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने अभी से सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इसके लिए गोरखपुर से मुंबई के अलावा पूर्वोत्तर रेलवे के अन्य प्रमुख स्टेशनों के बीच अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।

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किसी भी श्रेणी में नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट, जनरल कोचों में नो रूम की स्थिति 

रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर से मुंबई के बीच दो जोड़ी स्पेशल एक्सप्रेस की घोषणा पहले ही कर दी है। बुधवार को मंडुआडीह और लखनऊ से भी एक-एक स्पेशल ट्रेनों की घोषणा कर दी। जल्द ही कुछ और ट्रेनों को चलाने की हरी झंडी मिल जाएगी। दरअसल, होली बाद भी गोरखपुर व अन्य प्रमुख स्टेशनों से मुंबई जाने वाली ट्रेनों को पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे। जबकि, आने वाली ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए मारामारी मची हुई है।

बढ़ते संक्रमण व चुनाव के चलते मुंबई से आने वाली ट्रेनों में बढऩे लगी है भीड़

सर्वाधिक परेशानी जनरल और स्लीपर कोचों के यात्रियों को हो रही है। 02542 एलटीटी-गोरखपुर, 01015 एलटीटी-गोरखपुर कुशीनगर और 05017 एलटीटी-गोरखपुर दादर एक्सप्रेस में दस अप्रैल तक जनरल (टूएस) में नो रूम की स्थिति बनी हुई है। वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रहा।  स्लीपर में भी औसत 150 वेटिंग चल रहा है। ऐसे में लोगों की मुश्किलें बढऩे लगी हैं।

मुंबई जाने वालों की संख्‍या घटी

जानकारों के अनुसार कोरोना और पंचायत चुनाव ने रेलवे का गणित ही बिगाड़ दिया है। जो होली में आकर वापस जाने वाले थे, वे भी अपना टिकट निरस्त कराने लगे हैं। जो मुंबई में रुक गए थे वे अब घर आने के लिए बेचैन हैं। ऐसे में जाने वाली ट्रेनों को तो यात्री नहीं मिल रहे लेकिन आने वाली में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है। यहां जान लें कि ठीक एक साल पहले मुंबई में कोरोना संक्रमण के चलते लोग घर आने के लिए सड़क पर निकल गए थे। ट्रेन पकडऩे के लिए स्टेशनों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। लोगों को नियंत्रित करने के लिए रेलवे को फोर्स बुलानी पड़ी थी। 


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