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गोरखपुर के चरगांवा में बनकर तैयार हो रहा ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट, बस थोड़ा सा काम बाकी Gorakhpur News

प्रदेश सरकार डीटीआइ को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए 489.56 लाख रुपये स्वीकृत कर चुकी है। डीटीआइ भवन का कार्य पूरा हो चुका है। खिड़की और दरवाजे लग रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 10:50 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 10:50 AM (IST)
गोरखपुर के चरगांवा में बनकर तैयार हो रहा ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट, बस थोड़ा सा काम बाकी Gorakhpur News
गोरखपुर के चरगांवा में बनकर तैयार हो रहा ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट, बस थोड़ा सा काम बाकी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। चरगांवा आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) परिसर में बन रहे ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआइ) से ड्राइविंग लाइसेंस भी जारी होंगे। इंस्टीट्यूट से निकले प्रशिक्षित चालकों को लाइसेंस के लिए परिवहन विभाग में लाइन न लगाना पड़े, इसकी भी योजना तैयार हो रही है। फिलहाल, अप्रैल में पूर्वांचल के लोगों विशेषकर युवाओं को डीटीआइ की सौगात मिल जाएगी। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।

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बन रहे अत्‍याधुनिक ट्रैक

प्रदेश सरकार डीटीआइ को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए 489.56 लाख रुपये स्वीकृत कर चुकी है। डीटीआइ भवन का कार्य पूरा हो चुका है। खिड़की और दरवाजे लग रहे हैं। बाहर अति आधुनिक ट्रैक बन रहे हैं। दरअसल, मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने तथा पूर्वांचल के युवाओं को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने डीटीआइ की अहम योजना तैयार की है। लोग चालक बनने के लिए भटकते हैं। फिर बिचौलियों के सहयोग से ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर चालक बन जाते हैं। परिणाम बढ़ते मार्ग दुर्घटनाओं के रूप में सामने है। 27 फीसद मार्ग दुर्घटनाएं अप्रशिक्षित चालकों की वजह से होती है।

निगरानी करेंगे सीसीटीवी कैमरे, हास्टल की भी मिलेगी सुविधा

डीटीआइ भवन के भूतल पर प्रयोगशाला, हल्के एवं भारी वाहनों के अभ्यास के लिए दो कंप्यूटर कक्ष होंगे। प्रथम तल पर सेंटर हेड कक्ष, सर्विलांस कक्ष, सभागार, अभ्यर्थियों के लिए क्लास रूम और 100 लोगों के लिए ऑडिटोरियम होगा। दूर-राज के अभ्यर्थियों के लिए हास्टल की सुविधा मिलेगी। ठहरने, प्रशिक्षण, नाश्ता और भोजन के लिए न्यूनतम शुल्क निर्धारित होगा। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी होगी।

सेमुलेटर पर भी होगा अभ्यास

हल्के एवं भारी वाहनों के चालकों के प्रशिक्षण के लिए पांच तरह के आधुनिक ट्रैक बन रहे हैं। अभ्यर्थी एस टाइप, 8 टाइप, रिवर्स ट्रैक, अपग्रेडियंट ट्रैक और स्पेंटाइन ट्रैक पर ड्राइविंग की बारीकियां सीखेंगे। एक विशेषज्ञ वाहन के साथ रहेगा तो दूसरा कक्ष में बैठकर निगरानी करेगा। ट्रैक पर प्रशिक्षण के बाद कंप्यूटर सिस्टम पर भी अभ्यास कराया जाएगा।

एक माह की होगी पाठशाला

कोई भी व्यक्ति प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना लाइसेंस बनवा सकता है। प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम एक माह की अवधि निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण के साथ यातायात के नियमों की जानकारी भी दी जाएगी।


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