संतकबीरनगर में 21349 अभिभावकों के खाते में नहीं पहुंच सकी ड्रेस की धनराशि
संतकबीर नगर जनपद के विद्यालयों में नामांकित बच्चों के यूनीफार्म की धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजनी थी। यह कार्य विद्यालय स्तर से शिक्षकों द्वारा किया गया। डीबीटी में 163241 बच्चों में अभी तक महज दो चरण में 86893 के अभिभावकों के में ही धनराशि भेजी जा सकी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संतकबीर नगर जनपद के विद्यालयों में नामांकित बच्चों के यूनीफार्म की धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजनी थी। यह कार्य विद्यालय स्तर से शिक्षकों द्वारा किया गया। डाइरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत 163241 बच्चों में अभी तक महज दो चरण में 86893 के अभिभावकों के में ही धनराशि भेजी जा सकी। खास बात है कि इसमें भी 21349 अभिभावकों के खाते में धन नहीं पहुंच सका है। बात अलग है कि अभिभावकों के खाते में समस्या होने से ही धन ट्रांसफर नहीं हो पाने की बात सामने आ रही है।
खाते में भेजे जाने हैं 11 सौ रुपये
यूनीफार्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग व स्वेटर खरीदने के लिए निर्धारित 11 सौ रुपये न मिलने से बच्चों का ड्रेस नहीं बन पा रहा है। खातों का सत्यापन न होने व अभिभावकों द्वारा खाता अपडेट न करने से धनराशि स्थानांतरण में बाधा आ रही है। दो चरणों में भेजी गई धनराशि में से 21349 अभिभावकों के खाते से वापस हो चुकी है। विभाग का कहना है कि इसकी वजह खातों का निष्क्रिय होना, आधार लिंक न होना तथा कई माह से खाता संचालित न होने की पुष्टि हुई है।
नियमित हो रही समीक्षा
डीबीटी की नियमित समीक्षा शासन स्तर से की जा रही है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने प्रदेश के सभी जनपदों में डीबीटी को लेकर समीक्षा की थी, अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने की खराब स्थिति मिलने पर नाराजगी जताई थी। बीएसए के निर्देश पर खंड शिक्षाधिकारियों के माध्यम से समीक्षा की जा रही है। नौ ब्लाक में एक को छोड़कर आठ में सत्यापन अधूरा है।
सत्यापन के बाद भेजी जाएगी धनराशि
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि खाता का सत्यापन अंतिम चरणों में कुछ बच्चों का एक से अधिक स्थान पर नामांकन होने से समस्या आ रही है। शीघ्र ही सत्यापन पूरा होते ही शेष खातों में भी धनराशि एक साथ भेज दी जाएगी। अभिभावकों के खाता में डीबीटी से यूनीफार्म की धनराशि देकर बच्चों का ड्रेस लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं के माता- पिता व अभिभावक को अपने खाते संचालित करवाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।