गोरखपुर के चिडिय़ाघर के ड्रेनेज सिस्टम की जांच पूरी, शासन को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
नालियों से निकलने वाले गंदे पानी को फिल्टर करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है। इस पूरी व्यवस्था को एनआइएच टीम के पुख्ता बताने के बाद ही औपचारिक रूप से चिडिय़ाघर का लोकार्पण हो सकता है।
गोरखपुर, जेएनएन। शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान (चिडिय़ाघर) का लोकार्पण होने से पहले डे्रेनेज सिस्टम की पड़ताल करने आई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाईड्रोलाजी (एनआइएच), रुड़की की टीम ने मंगलवार जांच पूरी कर ली। दो सदस्यीय टीम ने ड्रेनेज के निर्माण पर संतोष जताया है। साथ ही जांच के दौरान सामने आई छोटी-मोटी कमियों को दूर करने का निर्देश दिया है। यह टीम जल्दी ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
चिडिय़ाघर से जल निकासी के लिए काफी बड़ा ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया गया है। नालियों से निकलने वाले गंदे पानी को फिल्टर करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है। इस पूरी व्यवस्था को एनआइएच टीम के पुख्ता बताने के बाद ही औपचारिक रूप से चिडिय़ाघर का लोकार्पण हो सकता है। इसकी जांच करने के लिए एनआइएच की टीम सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आई थी। चिडिय़ाघर का निर्माण करा रही कार्यदायी संस्थान राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक डीबी सिंह ने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम की जांच पूरी कर कर एनआइएच की टीम मंगलवार को वापस चली गई। टीम ने निर्माण कार्यों पर संतोष जताया है।
दर्शकों के लिए खुला राजकीय बौद्ध संग्रहालय
कोविड के चलते 20 मार्च 2020 से बंद राजकीय बौद्ध संग्रहालय को दर्शकों के लिए खोलने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। इस बाबत निर्देश मंगलवार को संग्रहालय प्रशासन को प्राप्त हुआ। संग्रहालय के उप निदेशक डा. मनोज कुमार गौतम ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के मुताबिक संग्रहालय को मंगलवार को ही दर्शकों के लिए खोल दिया गया। अब साप्ताहिक अवकाश सोमवार के अलावा हर दिन सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक दर्शक संग्रहालय में लगे प्रदर्श का अवलोकन कर सकते हैं। इस दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। मास्क लगाए बिना संग्रहालय में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सैनिटाइजिंग और स्कैनिंग प्रक्रिया के बाद ही दर्शकों को प्रवेश दिया जाएगा।