महयोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. प्रदीप राव को मिला सामाजिक समरसता सम्मान
डा. राव को सम्मान के रूप में गुरु गोरक्षनाथ की प्रतिमा अंगवस्त्र सम्मान पत्र पराक्रम पत्र महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ का स्मृति चिन्ह और योग व महंत अवेद्यनाथ के जीवनसे जुड़ी पुस्तकें भेंट की गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति इस वर्ष पुरस्कार के लिए चयन किया गया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महयोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव और नाथ पंथ के अध्येता डा. प्रदीप कुमार राव को सामाजिक समरसता में योगदान के लिए सामाजिक समरसता सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि के अवसर पर विश्व हिंदू महासंघ की ओर से मिला है। गोरखनाथ मंदिर में मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी की उपस्थिति में बुधवार को महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने उन्हें यह सम्मान अपने हाथों से दिया।
भेंट की गई गोरक्षनाथ की प्रतिमा
डा. राव को सम्मान के रूप में गुरु गोरक्षनाथ की प्रतिमा, अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, पराक्रम पत्र, महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ का स्मृति चिन्ह और योग व महंत अवेद्यनाथ के जीवनसे जुड़ी पुस्तकें भेंट की गईं। इस अवसर पर महासंघ के जिलाध्यक्ष राजेश्वरी प्रसाद विश्वकर्मा, दयानंद शर्मा, शेषनाथ योगी, रविशंकर, विनय गौतम आदि मौजूद रहे। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि के अवसर पर प्रतिवर्ष विश्व हिंदू महासंघ की ओर से सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एक व्यक्ति को यह सम्मान दिया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति इस वर्ष पुरस्कार के लिए डा. राव के नाम का चयन किया गया।
गुरु गोरक्षनाथ शिखर से सम्मानित हो चुके है डा.राव
देवरिया जिले के ग्राम नगवा खास के मूल निवासी डा. प्रदीपराव 12 पुस्तकों का लेखन व नौ पुस्तकों का संपादन कर चुके हैं। प्राचीन भारतीय मुद्राएं, प्राचीन भारतीय लिपि, क्षत्रिय राजवंश, प्राचीन भारतीय धर्मदर्शन, प्राचीन भारत के प्रमुख शासक आदि शोधपरक पुस्तकें शोधार्थियों के लिए बेहद उपयोगी रहीं हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए दो वर्ष पूर्व हिंदुस्तानी अकादमी ने गुरु गोरक्षनाथ शिखर सम्मान से सम्मानित किया किया था। डॉ. राव लंबे समय से अध्यापन के कार्य से जुड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ सहित कई महत्वपूर्ण साहित्यिक संस्थाओं के सदस्य भी हैं। महायोगी गोरक्षनाथ शोध पीठ दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अधिशासी समिति के सदस्य के रूप में भी वह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दर्जनों राष्ट्रीय संगोष्ठियों में उनके शोध पत्र शामिल किये जा चुके हैं। वह लंबे समय से राष्ट्रीय संगोष्ठियों से जुड़े हुए हैं। साहित्यिक गतिविधियों में भी उनकी भूमिका अहम रहती है।