फर्जी दस्तावेज के जरिए दो करोड़ की जालसाजी में डॉ. कफील भाई संग गिरफ्तार
फोटो और ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग कर सिनेमा रोड स्थित यूनियन बैंक की शाखा में फैजान नाम के युवक ने 2009 में एक खाता खोला था, जिसके गारंटर आदिल खान थे।
गोरखपुर (जेएनएन)। बीआरडी मेडिकल कॉलेज काड के आरोपित डॉ. कफील और उनके भाई आदिल खान को रविवार को कैंट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर फर्जी दस्तावेज के जरिए यूनियन बैंक में खाता खोलकर करीब दो करोड़ रुपये का लेनदेन करने का आरोप है। ढाई महीने से पुलिस जाच कर रही थी। सीओ कैंट प्रभात राय ने बताया कि राजघाट थानाक्षेत्र के शेषपुर निवासी मुजफ्फर आलम ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि उसकी फोटो और ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग कर सिनेमा रोड स्थित यूनियन बैंक की शाखा में फैजान नाम के युवक ने 2009 में एक खाता खोला था, जिसके गारंटर आदिल खान थे।
2014 में मुजफ्फर को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने आपत्ति जताई जिसके बाद खाता बंद कर दिया गया। इस दौरान खाते से करीब दो करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। डॉ. कफील ने शैक्षिक काल में महिपाल यूनिवर्सिटी में इसी खाते से वर्ष 2009 में 3.81 लाख रुपये की डीडी बनवाई थी। जांच में शिकायत सही मिलने पर दो जुलाई 2018 को कैंट पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था।
विवेचना में पता चला कि खाते का उपयोग आदिल खान और डॉ. कफील कर रहे थे। वादी मुजफ्फर ने कोर्ट में दिए बयान में दोनों का नाम लिया है। साक्ष्यों के आधार पर रविवार को दोपहर आदिल खान को बसंतपुर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया। लौटते समय घर से कुछ दूरी पर ही डॉ. कफील भी मिल गए। फैजान और अन्य आरोपितों की तलाश चल रही है। कैंट पुलिस ने देर शाम दोनों को रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।
चार माह पहले ही जेल से छूटे थे डा. कफीलः बीआरडी मेडिकल कालेज कांड के आरोपित डॉ. कफील चार माह पहले ही जेल से छूटे थे। रविवार को बहराइच से लौटते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई की भनक किसी को नहीं हुई। खुद को निर्दोष बताते हुए दोनों भाइयों ने कई बार मीडिया से बात करनी चाही लेकिन पुलिस ने मौका नहीं दिया। जिला अस्पताल में मेडिकल के दौरान पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए डॉ. कफील चिल्लाने लगे। सुरक्षा में लगे दारोगा ने उनका मुंह बंद कर दिया।