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Corona Fighters: बीआरडी के कोरोना वार्ड में सातवीं बार ड्यूटी कर रहीं डा. रीता सिंह, अब तक नहीं हुईं संक्रमित Gorakhpur News

Corona Fighters डा. रीता सिंह की कोरोना वार्ड में ड्यूटी पिछले साल जुलाई में पहली बार लगी थी। यह वह समय था जब लोग कोरोना से भाग रहे थे। ऐसे में डा. रीता ने खुद आगे बढ़कर अपनी ड्यूटी लगवाई।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 02:03 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 02:03 PM (IST)
Corona Fighters: बीआरडी के कोरोना वार्ड में सातवीं बार ड्यूटी कर रहीं डा. रीता सिंह, अब तक नहीं हुईं संक्रमित Gorakhpur News
बीआरडी मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा. रीता सिंह, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के इस संकट काल में मरीजों की सेवा व इलाज डाक्टरों की पेशागत जिम्मेदारी तो है ही, कुछ डाक्टर इसे नैतिक जिम्मेदारी भी मानते हुए कोरोना को हराने में जुटे हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं डा. रीता सिंह। वह बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और सातवीं बार कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रही हैं। आज तक वह संक्रमित नहीं हुईं। उनका कहना है कि पूरी सतर्कता व बचाव के साथ मरीजों की जान भी बचाई जा सकती है और करोना से जंग भी जीती जा सकती है।

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जब लोग भाग रहे थे, तब खुद लगवाई ड्यूटी

डा. रीता सिंह की कोरोना वार्ड में ड्यूटी पिछले साल जुलाई में पहली बार लगी थी। यह वह समय था जब लोग कोरोना से भाग रहे थे। ऐसे में डा. रीता ने खुद आगे बढ़कर अपनी ड्यूटी लगवाई। 15 दिन मरीजों की सेवा करने के बाद घर लौटीं तो इंतजार करते बच्चों से अचानक मिलने का साहस नहीं हुआ। कुछ दिन दूरी बनाए रहीं। इस दौरान दो छोटे-छोटे बच्चों दिव्यम व दिव्यांशी की देखरेख उनके पति डा. पवन ङ्क्षसह करते रहे। दोनों की उम्र क्रमश: 13 व 10 साल है। इसके बाद हर तीसरे महीने उनकी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगाई गई। पहली मई से उनकी ड्यूटी फिर लगाई गई है। यह सातवीं बार है। अब वह रोज वार्ड में जाती हैं और रात को घर आ जाती हैं। पूरी एहतियात के साथ घर में प्रवेश करती हैं। खुद को सैनिटाइज करने व गर्म पानी नहाने के बाद ही बच्चों के नजदीक जाती हैं। हालांकि छह बार कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने के बाद अब उन्हें पूरा भरोसा हो गया है कि पूरी तरह सतर्कता बरती जाए तो संक्रमण छू भी नहीं पाएगा।

सतर्कता व बचाव के कारण ही सब कुछ संभव

बीआरडी मेडिकल कालेज में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा. रीता सिंह का कहना है कि मेरे पास दोहरी जिम्मेदारी है। एक तरफ मरीजों को संभालना है, दूसरी तरफ बच्चों व परिवार को। मुझे खुशी है कि अपने इन दोनों दायित्वों का निर्वहन मैं कुशलता पूर्वक कर पा रही हूं। अनेक मरीज ठीक होकर घर गए, वे दुआएं देते हैं, दूसरी तरफ बच्चों को भी ममता से वंचित नहीं होने देती हूं। यह सिर्फ सतर्कता के चलते संभव हो पा रहा है। संकट के समय में मरीजों की सेवा कर मुझे सुकून मिल रहा है।


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