गोरखपुर जेल में डीएम-एसएसपी का छापा, तीन घंटे तक खंगाले गए बैरक- कई आपतत्तिजनक वस्तुएं बरामद
Raid in Gorakhpur Jail गोरखपुर जिला कारागार में मंगलवार की रात डीएम विजय किरन आनंद एसएसपी डा. विपिन ताडा ने फोर्स के साथ छापा डाला। बैरकों की तलाशी में एक मोबाइल फोन बैट्री चाकू व खैनी मिलने पर अधिकारी दंग रह गए।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिला कारागार में मंगलवार की रात डीएम विजय किरन आनंद, एसएसपी डा. विपिन ताडा ने फोर्स के साथ छापा डाला। बैरकों की तलाशी में एक मोबाइल फोन, बैट्री, चाकू व खैनी मिलने पर अधिकारी दंग रह गए।तीन घंटे तक चली तलाशी के दौरान जेल में हड़कंप मच गया। कौड़ीराम के व्यापारी से 20 लाख रुपये के रंगदारी मांगने के आरोपित टीका सिंह को जेल प्रशासन ने हाई सिक्योरिटी बैरक में डाल दिया है।मंगलवार की दोपहर बांसगांव पुलिस ने जेल में बदमाश से पूछताछ की।
व्यापारी से रंगदारी मांगने वाले टीका को हाई सिक्योरिटी बैरक में डाला
कौड़ीराम के मिठाई व्यापारी स्वदेश मिश्रा को फोन कर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोपित गगहा का रहने वाला बदमाश टिक्का सिंह जिला कारागार में बंद है।जेल के आसपास से फोन किए जाने का साक्ष्य मिलने पर मंगलवार की शाम पांच बजे डीएम व एसएसपी फोर्स के साथ जिला कारागार पहुंचे।हाई सिक्योरिटी बैरक में रखे गए टिक्का सिंह के साथ ही पूरे जेल में चप्पे-चप्पे की तलाशी ली।इस दौरान बैरक नंबर 12 और 14 के बीच में पुलिस को एक मोबाइल, बैट्री और चाकू मिला।कई बंदियों के पास खैनी मिली। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।तीन घंटे तक डीएम,एसएसपी के साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम अंदर रही।
कोरोना के बाद पहली बार पड़ा छापा
कोराना के चलते जेल में पिछले 17 महीने मुलाकात भी बंद थी। पिछले दो दिन से एक बार फिर मुलाकात शुरू हुई है इस बीच रंगदारी का भी मामला सामने आ गया है। गतिविधियों की जानकारी और शिंकजा कसने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची थी।
जेल के पास से आया था फोन,व्यापारी की सुरक्षा बढ़ी
जेल के पास से रंगदारी के लिए फोन आने पर मिठाई व्यापारी स्वदेश मिश्रा और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।दुकान और घर पर सिपाहियों की ड्यूटी लगाने के साथ ही सनी व टिक्का के सहयोगियों की तलाश चल रही है। रंगदारी के लिए जिस नंबर से फोन आया था वह किसके नाम पर लिया गया है सर्विलांस सेल इसकी जांच कर रही है।
गोरखपुर जेल प्रदेश की संवेदनशील जेलों में शामिल है। शासन ने इसकी सुरक्षा की त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई थी। बंदियों से मिलने आने वाले लोगों के साथ ही जेल में ड्यूटी करने वाले बंदी रक्षकों की तलाशी लिए जाने का अधिकारी दावा करते हैं।जेल में बंद बदमाश के नाम पर रंगदारी की धमकी मिलने की बात सामने आने पर वहां की त्रिस्तरीय सुरक्षा-व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े हो गए है।
किसी काम का नहीं जैमर
गोरखपुर जेल से रंगदारी की काल जाने की शिकायत पर मार्च 2017 में शासन ने जैमर लगाने के लिए बजट दिया।काम पूरा करने की जिम्मेदारी ईसीआईएल (इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड) को मिली।जेल के बैरक नंबर 13 और 11 के अहाते में जैमर लगाया गया। जेल अधिकारियों ने दावा किया कि जैमर लगने से जेल के बैरक नंबर 9, 10, 11, 12, 13, 14 में मोबाइल काम नहीं करेगा।जेल में लगा जैमर टूजी नेटवर्क का है जो थ्री व फोर-जी नेटवर्क पर प्रभावी नहीं होता।जिसकी वजह से जेल में लगा जैमर बेकार हो गया।
जेल की तलाशी में मोबाइल, बैट्री, चाकू व खैनी मिला है।जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिस बदमाश के नाम पर मिठाई व्यापारी से रंगदारी मांगी गई है जेल प्रशासन ने उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में डाल दिया है। छानबीन चल रही है, जल्द ही मामले का पर्दाफाश किया जाएगा। - डा. विपिन ताडा।