धान क्रय केंद्र प्रभारियों को डीएम ने दी चेतावनी, किसानों को हुई दिक्कत तो होगी कार्रवाई
संतकबीर नगर की डीएम दिव्या मित्तल ने मंगलवार को गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरैया बाईपास के निकट स्थित नवीन मंडी में पहुंची। यहां पर उन्होंने खाद्य विभाग के एक पीसीएफ के दो व मंडी समिति के एक कुल चार खरीद केंद्रों की बारी-बारी से जांच की।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संतकबीर नगर की डीएम दिव्या मित्तल ने मंगलवार को गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरैया बाईपास के निकट स्थित नवीन मंडी में पहुंची। यहां पर उन्होंने खाद्य विभाग के एक, पीसीएफ के दो व मंडी समिति के एक कुल चार खरीद केंद्रों की बारी-बारी से जांच की। धान बेचने वाले किसानों को कोई दिक्कत न हो, इस पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसके साथ ही किसानों को अनावश्यक दौड़ाने की शिकायत मिलने पर संबंधित केंद्र प्रभारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
इन क्रय केंद्रों का किया निरीक्षण
डीएम ने निरीक्षण में पाया कि खाद्य विभाग के केंद्र प्रभारी राजेश राम दो जगह कांटा लगाए हुए हैं। एक जगह पर वह सिरमोहनी गांव निवासी इंद्रजीत सिंह पुत्र रामसिंह का 50 क्विंटल धान तौलवा रहे थे। पूछने पर केंद्र प्रभारी ने बताया कि वह 20 दिसंबर तक 203 पंजीकृत किसानों से धान खरीदा जा चुका है। डीएम ने इनके दूसरे तौल स्थान पर जांच की। यहां पर बिसरापार गांव निवासी चंद्रमाेहन मिश्र पुत्र मदुमनाथ का 40 क्विंटल धान तौलवाया जा रहा था। 20 दिसंबर तक यहां पर 11234.00 क्विंटल धान खरीदा जाना पाया गया है। पीसीएफ खरीद की जांच करने पर केंद्र प्रभारी आमिर खान उपस्थित मिले।
समय से धान की कुटाई करने का दिया निर्देश
यहां पर खलीलाबाद ब्लाक के नकहां गांव के राजदेव पुत्र छांगुर का धान तौलवाया जा रहा था। इस केंद्र पर 20 दिसंबर तक 107 पंजीकृत किसानों से 8188.00 क्विंटल धान खरीदा जाना पाया गया। वहीं पीसीएफ के दूसरे खरीद केंद्र पर प्रभारी श्यामसुंदर गुप्त उपस्थित मिले। यहां पर बरईपार पैठान गांव के फूलदेव पुत्र खुद्दुर का 150 क्विंटल धान तौला जा रहा था। वहीं मंडी समिति के खरीद केंद्र पर प्रभारी ओम प्रकाश गुप्त स्टाफ के साथ उपस्थित मिलें। यहां पर जिगिना गांव के चंद्र प्रकाश पुत्र रामआसरे का 150 क्विंटल धान तौलवाया जा रहा था। डीएम ने डिप्टी आरएमओ रूपेश सिंह से कहा कि वह किसानों से खरीदे गए धान की कुटाई करवाकर चावल समय से भारतीय खाद्य निगम को भेजवाएं। इसके लिए सभी खरीद केंद्र प्रभारियों को सक्रिय कर दें। किसानों को धान बेचने में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।