डीबीटी पर ब्योरा सत्यापन में जनपद फिसड्डी, उदासीनता पर बीएसए को मिली चेतावनी
शैक्षिक शत्र शुरू हुए पांच माह से अधिक बीतने के बाद भी यूनिफार्म जूते-मोते स्वेटर और स्कूल बैग के लिए दी जाने वाली धनराशि की डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के लिए अभी तक आदेश जारी नहीं हो पाया है। इसकी वजह है डीबीटी को लेकर विभागीय उदासीनता है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शैक्षिक शत्र शुरू हुए पांच माह से अधिक बीतने के बाद भी यूनिफार्म, जूते-मोते, स्वेटर और स्कूल बैग के लिए दी जाने वाली धनराशि की डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के लिए अभी तक आदेश जारी नहीं हो पाया है। इसकी वजह है डीबीटी को लेकर विभागीय उदासीनता है। शासन ने इसके लिए सीधे तौर पर बीएसए को जिम्मेदार ठहराते हुए चेतावनी दी है।
31 फीसद अभिभावकों के ही खाते का हुआ सत्यापन
जिले में नजर डालें तो अभी तक महज 31 फीसद अभिभावकों के खातों का सत्यापन ही शिक्षकों ने किया है। शासन ने सत्यापन में शिथिलता बरतने वाले जिलों की सूची जारी कर नाराजगी जताई है। इसको लेकर बीएसए को चेतावनी भी दी गई है। शासन की चेतावनी के बाद िविभाग में अफरा-तफरी फैल गई है।
शासन ने की 10 अक्टूबर तक की समीक्षा
डीबीटी एप पर ब्योरा अपलोड करने में शिथिलता बरतने में गोरखपुर समेत प्रदेश के लगभग डेढ़ दर्जन जनपद शामिल हैं। जहां के शिक्षकों ने अभी तक 16 से 37 फीसद ही ब्योरा प्रमाणित किया है। शासन स्तर से प्रदेश के जनपदों में डीबीटी को लेकर दस अक्टूबर तक की समीक्षा की गई, जिसमें दस जनपदों में स्थिति असंतोषजनक मिली।
खाते में भेजी जानी है धनराशि
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को पहली बार निश्शुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा और बैग देने की बजाय सरकार सीधे अभिभावकों के खाते में रुपये भेजने जा रही है। प्रति जोड़ी 300 रुपये के हिसाब से दो सेट यूनिफार्म के लिए 600 रुपये, 200 रुपये स्वेटर, 135 रुपये जूते, मोजा के लिए 21 तथा स्कूल बैग के लिए 100 रुपये समेत कुल 1056 रुपये दिए जाने हैं।
शीघ्र पूरा हो जाएगा अपलोड करने का काम
बीएसए आरके सिंह ने बताया कि डीबीटी पर बच्चों का ब्योरा अपलोड करने का कार्य शीघ्र पूर्ण करने को लेकर विभाग गंभीर है। इसकी नियमित मानीरिंग की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द ब्योरा अपलोड करने का कार्य पूर्ण की जा सके।