विकासशील इंसान पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने से निषाद पार्टी में बेचैनी, खिसकने लगे पार्टी के नाराज कार्यकर्ता
बिहार सरकार में मंत्री एवं विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी यूपी चुनाव के लिए सियासी मैदान में कूद पड़े हैं। उनके इस कदम से निषाद पार्टी में बेचैनी है। दोनों दल आरक्षण के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ते हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बिहार सरकार में मंत्री एवं विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी यूपी चुनाव के लिए सियासी मैदान में कूद पड़े हैं। वे प्रदेश के कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेेंगे, लेकिन वीआइपी के इस कदम से निषाद पार्टी में बेचैनी है। दोनों दल आरक्षण के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ते हैं। वहीं निषाद पार्टी से नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं ने वीआइपी का दामन थाम लिया है। चर्चा है कि आने वाले दिनों में कुछ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता निषाद पार्टी से किनारा कर वीआइपी के साथ जाएंगे।
मशहूर मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी का विज्ञापन शुक्रवार को लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना रहा। वहीं निषाद पार्टी के खेमे में बेचैनी नजर आई। दरअसल वीआइपी निषाद समाज की ही राजनीति करती है और बिहार में उसके चार विधायक एवं एक एमलसी है। बिहार से सटे होने के कारण यह माना जा रहा है कि वीआइपी गोरखपुर एवं आसपास के निषाद बहुल इलाकों में अपना प्रत्याशी जरूर खड़ा करेगी। इस बारे में चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा के साथ ही निषाद पार्टी में लंबे समय से घुटन और ऊबन महसूस कर रहे लोग अब किनारा करने की तैयारी में लग गए हैं। निषाद पार्टी से किनारा करने वालों का मानना है कि निषाद पार्टी अब एक व्यक्ति का जेबी संगठन हो गया है। यहां पर कार्यकर्ताओं का कोई मान जान नहीं है। पार्टी के नेताओं पर चरित्र को लेकर गंभीर आरोप भी लग चुके हैं। ऐसे में पार्टी में बने रहना काफी मुश्किल हो गया है।
संजय निषाद ने कहा-यूपी की चिंता छोड़ें मुकेश
दूसरी तरफ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद ने मुकेश सहनी के निर्णय को राजनीतिक साजिश करार दिया है। कहा कि बिहार में निषाद समाज का आरक्षण समाप्त किया जा रहा है, इसलिए वीआइपी के मुखिया पहले बिहार संभाले, यूपी की ङ्क्षचता हमलोगों पर छोड़े दें। कहा कि हमारी पार्टी हर तरह की चुनौतियों का सामना करने को तैयार है।2017, 2018 और 2019 में पार्टी ने विपक्षी दलों को अपनी ताकत का एहसास करा दिया था। मुकेश सहनी बिहार में निषादों को आरक्षण के मुद्दे पर लड़ाई लडऩी चाहिए। अगर वे हमारा सहयोग करेंगे तो उत्तर प्रदेश और फिर देश में आरक्षण की लड़ाई अंजाम तक पहुंचाएंगे।