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गोरखपुर में गंदा पानी भी बिकता है, खरीद रही गोरखपुर में आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनी

नगर निगम ने गंदा पानी बेचकर कमाई शुरू कर दी है। चिलुआताल का पानी बेचकर नगर निगम को 77 हजार 450 रुपये की आय शुरू हो गई है। गंदा पानी आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश करनी वाली हिंदुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड का खाद कारखाना प्रबंधन खरीद रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 08:10 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 08:10 PM (IST)
गोरखपुर में गंदा पानी भी बिकता है, खरीद रही गोरखपुर में आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनी
चिलुआताल का गंदा पानी खरीदेगा हर्ल का कारखाना प्रबंधन। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : गंदा पानी बेचकर नगर निगम ने कमाई शुरू कर दी है। चिलुआताल का पानी बेचकर नगर निगम को 77 हजार 450 रुपये की आय होनी शुरू हो गई है। गंदा पानी आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश करनी वाली हिंदुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का खाद कारखाना प्रबंधन खरीद रहा है। खाद कारखाना में नीम कोटेड यूरिया बनाने के लिए प्रति घंटा 1450 क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत होगी। खाद कारखाना के बगल में चिलुआताल है। यह नगर निगम की संपत्ति है। खाद कारखाना प्रबंधन ने नगर निगम प्रशासन से पानी के लिए करार किया है। इस करार के तहत खाद कारखाना अपने संसाधनों से चिलुआताल का पानी लेगा और बदले में नगर निगम को रुपये देगा।

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मशीनों का शुरू हो गया है ट्रायल

खाद कारखाना में मशीनों का ट्रायल शुरू हो गया है। नीम कोटेड खाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले पानी को पहले पूरी तरह मिनिरल मुक्त करना होगा। इसके लिए खाद कारखाना में डीमिनरलाइज्ड प्लांट भी लगाया जा रहा है। जब तक बड़ा प्लांट नहीं लग जाता, छोटे प्लांट से पानी को मिनरल मुक्त किया जा रहा है। चिलुआताल से पानी लेकर पहले उसे मिनरल मुक्त किया जा रहा है। इसके बाद मशीनों तक पहुंचाया जा रहा है।

30 साल के लिए हुआ है पट्टा

चिलुआताल से पानी लेने के लिए खाद कारखाना प्रबंधन ने नगर निगम प्रशासन से 30 साल का करार किया है। करार की शर्तों में इस बात का जिक्र है कि 25 साल बाद पट्टे का नवीनीकरण होगा। उस समय की परिस्थितियों के अनुसार पानी के लिए रुपये देने की दरों में बदलाव हो सकता है। हालांकि करार की शर्तों में यह भी शामिल किया है कि यदि किन्हीं कारणों से चिलुआताल में पानी नहीं रहेगा तो खाद कारखाना को पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की नहीं रहेगी।

चिलुआताल से पानी लेने के लिए खाद कारखाना से हुआ करार

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि चिलुआताल से खाद कारखाना पानी ले रहा है। इसके लिए नगर निगम से करार हुआ है। एक साल के लिए 77 हजार 450 रुपये नगर निगम को मिल रहे हैं।


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