Gorakhpur Zoo: गर्मी में बदला पटौदी, मैलानी व नारद का डाइट चार्ट, घटी भोजन की मात्रा
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिडिय़ाघर) के मांसाहारी वन्यजीवों में बब्बर शेर (पटौदी और मरियम) को ठंड के दिनों में खाने के लिए 14 किग्रा भैंस का ताजा मांस दिया जाता है। गर्मी में इसे घटाकर 10 किग्रा कर दिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिडिय़ाघर) के वन्यजीवों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए उनके डाइट चार्ट में बड़ा बदलाव किया गया है। शाकाहारी वन्यजीवों के खाने में जहां ककड़ी, खीरा, तरबूज आदि की मात्रा बढ़ा दी गई है वहीं मांसाहारी वन्यजीवों की भोजन की मात्र घटा दी गई है। गर्मी की वजह से होने वाले तनाव से बचाने के लिए मांसाहारी वन्यजीवों को पीने के पानी के साथ कई तरह की दवाएं भी दी जा रही हैं।
मांसाहारी वन्यजीवों में बब्बर शेर (पटौदी और मरियम) को ठंड के दिनों में खाने के लिए 14 किग्रा भैंस का ताजा मांस दिया जाता है। गर्मी में इसे घटाकर 10 किग्रा कर दिया गया है। गर्मी की वजह से उनके शरीर में पानी की कमी न होने पाए इसके लिए चिडिय़ाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह की देखरेख में आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। बाघिन (मैलानी) को ठंड के दिनों में 12 किग्रा ताजा मांस दिया जाता है लेकिन इस समय 24 घंटे में आठ किग्रा मांस ही दिया जा रहा है। तेंदुआ (नारद) को सामान्य तौर पर खाने में चार किग्रा मांस दिया जाता है, लेकिन इस समय इसकी मात्रा घटाकर तीन किग्रा से कम कर दी गई है। भेडिय़ा, लकड़बग्घा और सियार को दिए जाने वाले मांस की मात्रा भी गर्मी की वजह से घटा दी गई है। डा. योगेश बताते हैं कि गर्मी को देखते हुए वन्यजीवों के खान-पान का खास ख्याल रखा जा रहा है।
नारियल व तरबूज से पानी की कमी पूरा कर रहा भालू
गर्मी के दिनों में पानी की कमी से होने वाली दिक्कतों से बचाने के लिए भालू के खाने में हरे नारियल, तरबूज, पपीता और पनीर की मात्रा बढ़ा दी गई है। सामान्य तौर पर भालू को तीन किग्रा सब्जी, 18 केले, तीन किग्रा अन्य फल, आठ सौ ग्राम ब्रेड, पांच लीटर दूध और सौ ग्राम शहद खाने में दिया जात है। गर्मी की वजह से इसमें बदलाव किया गया है।
ककड़ी, खीरा व गाजर खा रहे हिरण
चिडिय़ाघर में कई प्रजातियों के हिरण रखे गए हैं। सामान्य तौर उन्हें खाने में छह किग्रा बरसीन, 10 किग्रा चारा पत्ती और एक-एक किग्रा हरी सब्जी तथा एनिमल फीड दी जाती है। गर्मी की वजह से हिरणों के खाने में ककड़ी, खीरा, गाजर और भीगे चने की मात्रा बढ़ा दी गई है।
खीरा खाकर गर्मी से निजात पा रहा दरियाई घोड़ा
दरियाई घोड़े को सामान्य तौर पर खाने में 80 किग्रा बरसीन, 2.5 किग्रा केला, 2.25 किग्रा एनिमल फीड, दो-दो किग्रा आलू व अन्य सब्जियां तथा गन्ना दिया जाता है। गर्मी के प्रकोप से उसे बचाने के लिए खाने में सब्जी की जगह उसको खीरा दिया जा रहा है। बंदरों को भी खाने में खीरा और तरबूज दिया जा रहा है।
बंदी की वजह डीप फ्रीजर में स्टोर किया जा रहा भोजन
शनिवार और रविवार को बंदी की वजह से वन्यजीवों को भोजन उपलब्ध कराने में चिडिय़ाघर प्रशासन को कुछ दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है। हालांकि एहतियात के तौर पर मांसाहारी वन्यजीवों के लिए बंदी को देखते हुए दो दिन का पहले डीप फ्रीजर में पहले ही स्टोर कर लिया गया था। चिडिय़ाघर के निदेशक डा. एच राजामोहन का कहना है कि गर्मी की वजह से वन्यजीवों के डाइट चार्ट में काफी बदलाव किया गया है। खाने में ऐसी चीजें दी जा रही हैं कि उनके शरीर में पानी की कमी न होने पाने पाए। मांसाहारी वन्यजीवों को दवाएं देकर पानी की कमी पूरी की जा रही है।