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विश्व फलक पर चमक बिखेरने को सज रही धम्म भूमि, विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही सरकार

अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली के रूप में दुनिया के क्षितिज पर लाने को अभी कई अहम कदम तय करने बाकी भी हैं। चर्चा में भाग लेते हुए सांसद कुमार विजय दूबे ने कहा कि कुशीनगर का जो धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व है उसके अनुरूप पहचान नहीं मिल सकी थी।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sun, 31 Oct 2021 02:54 PM (IST)Updated: Sun, 31 Oct 2021 02:54 PM (IST)
विश्व फलक पर चमक बिखेरने को सज रही धम्म भूमि, विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही सरकार
जागरण विमर्श में एबी ज्ञानेश्वर, सांसद विजय कुमार दूबे डा. परशुराम गुप्त। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल और विकास विषयक दैनिक जागरण के कुशीनगर में हुए विमर्श कार्यक्रम के दूसरे सत्र में 'धम्म भूमि पर विश्व', विषय पर हुई परिचर्चा में दुनिया को शांति व अहिंसा का संदेश देने वाली बुद्ध स्थली के वर्तमान और भविष्य के विकास को लेकर संभावनाओं की तलाश की गई। इस तलाश को पूरा करने को राह दिखाने का कार्य भी हुआ। इसमें सरकार, जनप्रतिनिधि व आम आदमी की भूमिका को लेकर भी बात उठी। यह बात छनकर आई कि बीते कुछ दिनों में यहां अनेक बड़ी विकास योजनाओं को आकार मिला है, जिससे धम्म भूमि (कुशीनगर) विश्व फलक पर चमक बिखरने को सजती दिख रही है।

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इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मिली सौगात

इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात मिली है। बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली के रूप में दुनिया के क्षितिज पर लाने को अभी कई अहम कदम तय करने बाकी भी हैं। चर्चा में भाग लेते हुए सांसद कुमार विजय दूबे ने कहा कि कुशीनगर का जो धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व है, उसके अनुरूप पहचान नहीं मिल सकी थी। यह भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है। विश्व के लगभग 50 से अधिक देशों में बौद्ध धर्म के अनुयायी आते हैं। वायु व रेल सेवा की सुविधा नहीं होने के कारण सैलानियों की संख्या कम रही है।

पीएम, सीएम ने दी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पटल पर कुशीनगर का नाम और मजबूती से स्थापित करने को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात दी है। निरस्त हो चुकी मैत्रेय परियोजना की लगभग 200 एकड़ भूमि खाली है। बौद्ध परिपथ में कुशीनगर को और आगे ले जाने के लिए इस भूमि पर अनेक संभावनाएं खड़ी हैं।

स्‍थानीय लेागों को मिलेगा रोजगार

संचालक विवेकानंद मिश्र द्वारा कुशीनगर पर्यटन विकास के लिए लागू वर्ल्‍ड बैंक की प्रो पूअर टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अब तक मूर्त रूप नहीं लेने के सवाल पर कहा कि इस पर कार्यवाही चल रही है। इससे पर्यटन का तेज विकास होगा। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। पर्यटन विकास के लिए बुद्ध की ऊंची प्रतिमा सहित अन्य योजनाओं को लागू कराने की बात कही।

बौद्ध संग्रहालय स्‍थापित करने की हुई है शुरुआत

डा. अजय शाही के दुर्घटना क्षेत्र से संबंधित प्रश्न पर सांसद ने कहा कि कुशीनगर और गोपालगढ़ तिराहे पर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य कुछ दिनों में ही प्रारंभ होने जा रहा है। कसाडा चौक के निकट कुछ माह में ही ट्रामा सेंटर का भी निर्माण शुरू हो जाएगा। शिक्षक सुमित त्रिपाठी के प्रश्न कुशीनगर में वैश्विक बाजार व राजकीय बौद्ध संग्रहालय में कुशीनगर की पुरा सामग्रियों को क्यों नहीं लाए गया पर कहा कि यह सबकुछ होगा। शुरुआत हो गई है।

पीएम के बुद्धिस्‍ट कान्‍क्‍लेव कराए जाने से लोकप्रिय हुआ कुशीनगर का नाम

कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर ने कहा कि कुशीनगर का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। सन 1876 की पुरातात्विक खोदाई के बाद भिक्षु महावीर व भिक्षु चंद्रमणि ने कुशीनगर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यहां बुद्धिस्ट कान्क्लेव कराए जाने से विश्व में कुशीनगर का नाम और लोकप्रिय हुआ है। कुशीनगर के महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इसे खंडहर न लिख कर, मंदिर लिखना चाहिए।

सारनाथ व बोधगया से अधिक महत्‍वपूर्ण है कुशीनगर

एक सवाल के जवाब में कहा कि सारनाथ व बोधगया से अधिक महत्वपूर्ण है कुशीनगर। दुनिया के बौद्ध श्रद्धालु इसे महातीर्थ मानते है। महंथ अवेद्यनाथ पीजी कालेज महराजगंज के पूर्व प्राचार्य डा. परशुराम गुप्त ने महराजगंज के भगवान बुद्ध से संबंधित तीन प्रमुख स्थलों- देवदह, रामग्राम स्तूप व कुंवरवती स्तूप की विस्तार से चर्चा की। इसकी महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि देवदह भगवान बुद्ध की ननिहाल थी। इसे वर्तमान में वनरसिया कला के रूप में चिन्हित किया गया है।

रामग्रम स्‍तूप से भगवान बुद्ध का धातु अवशेष नहीं ले जा सके थे सम्राट अशोक

रामग्राम स्तूप एक मात्र स्तूप है जिससे सम्राट अशोक एक मात्र भगवान बुद्ध का धातु अवशेष नहीं ले जा सका था। वहां दस एकड़ क्षेत्र में खंडहर है। यदि इसका उत्खनन कराकर विकसित किया जाय तो यह भी एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन जाएगा। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना होगा। एबी ज्ञानेश्वर को विज्ञापन प्रबंधक रमेश यादव, सांसद विजय कुमार दूबे को विश्व दीपक त्रिपाठी और डा. परशुराम गुप्त को रजनीश त्रिपाठी ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।


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