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देवरिया बालिका गृह कांड : जांच में अहम कड़ी साबित होंगे सीसीटीवी कैमरे

देवरिया बालिका गृह में सेक्स रैकेट कांड में पुलिस अब आसपास की दुकानों के सीसीटीवी कैमरों कां खंगाल रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 11:05 AM (IST)
देवरिया बालिका गृह कांड : जांच में अहम कड़ी साबित होंगे सीसीटीवी कैमरे
देवरिया बालिका गृह कांड : जांच में अहम कड़ी साबित होंगे सीसीटीवी कैमरे

गोरखपुर : देवरिया बालिका गृह में सेक्स रैकेट के पर्दाफाश के बाद पुलिस की विवेचना अब रफ्तार पकड़ने लगी है। इस बीच बाल गृह बालिका के आसपास दुकानों व मकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे पर पुलिस की नजर पड़ गई है। पुलिस अब आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों का फुटेज ले सकती है और उसको भी विवेचना का हिस्सा बना सकती है।

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सेक्स रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद बाल गृह बालिका के संचालिका पुलिस पर यह कहानी रचने तथा लड़कियों के बयान को बेबुनियाद बताने लगी है। लड़कियों के बयान को पुलिस आधार बना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बीच पुलिस को एक नया सबूत हाथ लगने की बात कही जा रही है। सूत्रों का कहना है कि लड़कियों ने लग्जरी वाहन से आए दिन लोगों के आने व लड़कियों के ले जाने का आरोप लगाया है। अब पुलिस आसपास की दुकानों व मकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों के भी फुटेज लेगी। अगर फुटेज में कुछ ऐसा मिला तो पुलिस उसको भी आधार बनाएगी। साथ ही फुटेज को अपने कब्जे में लेगी। सीओ सिटी दयाराम ¨सह ने कहा कि विवेचना की जा रही है। हर पहलू पर जांच की जा रही है। साथ ही जो भी सबूत मिल रहे हैं या सबूत मिलने की बात कही जा रही है। उसकी जांच पुलिस कर रही है। सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जाएगी। अगर कुछ उससे भी साक्ष्य मिलते हैं तो उसे भी एकत्रित किए जाएंगे।

घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों पर हो कार्रवाई

ऐपवा ने बालिका अल्पावास गृह से लापता बच्चियों की तलाश और घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाध्यक्ष गीता पांडेय के नेतृत्व में मंगलवार को शहर में प्रदर्शन किया और सुभाष चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सभी सरकारों में बालिका अल्पावास में लड़कियों के साथ क्या होता था सबको पता है। यह सब अफसरों की मेहरबानी से होता है। जनपद में होने वाले सभी प्रमुख कार्यक्रमों में अफसरों की कृपा से संस्था को विशेष महत्व मिलता था। इस घटना के लिए जिले के आला अफसर भी जिम्मेदार हैं। सामूहिक शादी के बहाने रेप पीड़ित लड़कियों की शादी कराई जाती थी। इस दौरान निर्मला मिश्र, सुमन, शोभा, अंजली केडिया, सुनैना, राकी जासवाल, पूनम जायसवाल, ¨रकी, किरन, गौरी, रीना, शीला, विमला, लक्ष्मी, कुसमावती, कौशल्या, गुलाबी गायत्री आदि मौजूद रहे।

आइबी की भी रही नजर

यूपी को शर्मसार करने वाली बाल गृह बालिका की घटना को लेकर केंद्र सरकार भी सक्रिय है। लैंगिग अपराध, मानव तस्करी और अनैतिक काम सार्वजनिक होने पर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने पल-पल की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है। जिले में बीते दो दिन से होने वाली सभी गतिविधियों पर टीम के दो सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। मामला गंभीर होने के कारण सुरक्षा एजेंसी भी चौकस हो गई है।

पचीस दिन पूर्व आरोपित गिरिजा ने कराया था सामूहिक विवाह

अवैध रूप से चल रही मां ¨वध्यवासिनी सेवा संस्थान की आरोपित संचालक गिरिजा त्रिपाठी ने मात्र पच्चीस दिन पूर्व तेरह जुलाई को बैतालपुर के श्री सत्यनारायण संस्कृति महाविद्यालय में सरकारी तामझाम के साथ जिले के आला अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पच्चीस जोड़ों की शादी कराने के साथ मंच साझा की थी। यहां पर मौजूद अधिकारी और नेताओं ने संस्थान की संचालक गिरिजा त्रिपाठी के सामाजिक कार्यों का जमकर प्रशंसा की थी।

सरकार के महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक सामूहिक विवाह योजना को जिले के प्रशासनिक अमले ने एक ऐसी संस्था को जिम्मेदारी दी जो उसी के रिकार्ड में प्रतिबंधित थी। उसने जिले के विभिन्न स्थानों पर सामूहिक विवाह कराया था। अंतिम बार बैतालपुर में यह आयोजन हुआ था। सवाल यह उठता है कि जब यह संस्था अवैध थी तो इसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दी गई। यह संस्था सामाजिक कार्य की आड़ में गोरखधंधा चला रही थी। आरोपित संचालक गिरिजा त्रिपाठी ने मंच का संचालन करते हुए कहा था कि मै धन्य हूं कि मुझे इतनी लड़कियों का कन्यादान का अवसर जिले के अधिकारियों की कृपा से प्राप्त हुआ है।

एक तरफ वह कन्यादान कर गौरवान्वित होने के बात कर रही थी, दूसरी तरफ वह इन्हीं बच्चियों को समाज के गंदे काम में धकेल रही थीं। दो दशक से सामाजिक संस्था चलाते हुए प्रशासनिक अमले में इसने इतनी गहरी पैठ बना ली थी कि इसके द्वारा किए जा रहे समाज के घिनौना कार्य की भनक किसी को नहीं लग पाई। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में रंगारंग कार्यक्रम में शामिल कलाकारों के ऊपर यह पैसा ऐसे बांट रही थी जिससे यह लग रहा था कि पैसा किसी गलत कार्य की परिणति द्वारा प्राप्त हो रहा है। मेहनत की कमाई कोई इस तरह नहीं लुटाता जिस तरह यह आरोपित संचालक उड़ा रही थी।


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