परेशानी का सबब बने बेसहारा पशु एवं अवैध डेयरियां Gorakhpur News
रामलीला मैदान से लेकर सूरजकुंड ओवरब्रिज तक बहुत से लोगों ने नाले पर ही अतिक्रमण कर लिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। वार्ड नंबर-23 अंधियारीबाग में भी समस्याओंं का अंबार है। कभी सफाई के पायदान पर नंबर वन रहने वाला यह वार्ड पिछड़ता जा रहा है। मुख्य सड़कों को छोड़कर टूटी सड़कें, सिल्ट से भरी नालियां, अतिक्रमण और गंदगी ने लोगों को परेशान कर रखा है। सड़कों पर झुंड बनाकर घूमते बेसहारा पशु यहां की एक बड़ी समस्या है। कोई सड़क, गली या चौराहा-तिराहा ऐसा नहीं होगा जहां पूरे दिन छुट्टा पशुओं का जमावाड़ा न लगता हो। दर्जनभर ज्यादा अवैध डेयरियों के कारण भी नालियां गोबर से पटी रहती हैं।
रामलीला मैदान से लेकर सूरजकुंड ओवरब्रिज तक बहुत से लोगों ने नाले पर ही अतिक्रमण कर लिया है। पथरकट रोड पर कबाड़ी वालों का कब्जा है। सैकड़ों की संख्या में खराब हो चुके फ्रीज, एसी नाले पर ही रखा गया है। इसी रोड पर एक और कबाड़ी वाले ने सड़क और नाले के आधे हिस्से पर कब्जा कर रखा है। इस कारण नाले की सफाई ठीक ढंग से नहीं हो पाती है। हलकी बारिश में भी सड़क पर घुटने तक जलजमाव हो जाता है। इसी रोड पर एक दर्जन से ज्यादा डेयरियां हैं। डेयरी संचालक दूध दुहने के बाद पशुओं को सड़क पर ही छोड़ देते हैं। वहीं गोबर भी नालियों में बहाया जाता है। सूर्य विहार पुलिस चौकी के पास मीट की दस से ज्यादा अवैध दुकानें हैं। मीट का अवशेष सड़क पर फेंका जाता है जो बदबू और गंदगी का कारण बनता है। वार्ड में लगी कई स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। सूरजकुंड डी-ब्लाक की सीवर लाइन अक्सर चोक रहती है और गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। इसी ब्लाक में बड़ा पार्क है, लेकिन वह अराजक तत्वों का अड्डा बन गया है। शाम होते ही शराबी और जुआरी पार्क में इक_ा हो जाते हैं। नरवापार मलिन बस्ती में सामूदायिक शौचालय इतना गंदा है कि इस्तेमाल करना दूर उधर से गुजरने में भी लोग कतराते हैं। सफाई को कौन पूछे शौचालय में दरवाजा तक नहीं है। सूर्यविहार में मौजूद पानी की टंकी सिर्फ नाम की है।
क्या कहते हैं नागरिक
नरेन्द्र बहादुर सिंह का कहना है कि वार्ड को कोई ऐसा इलाका नहीं होगा जहां बेसहारा पशु नजर न आते हों। इन पशुओं के हमले में कई लोग घायल हो चुके हैं। नगर निगम अभियान चलाकर पशुओं को पकड़े। अजय श्रीवास्तव का कहना है कि पथरकट रोड पर एक तरह सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त है तो दूसरी तरफ अतिक्रमण है। सड़क की गिट्टियां उखड़ चुकी है। आए दिन लोग गिरकर जख्मी हो रहे हैं। वहीं मोहम्मद अरकान का कहना है कि वार्ड की स्थिति बदहाल होती जा रही है। सड़कें टूटी हैं, स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। कूड़े का उठान भी नियमित नहीं होता। वार्ड की इतनी खराब स्थिति कभी नहीं थी। जबकि आचार्य अद्याधर दुबे का कहना है कि बीते दो वर्षों से वार्ड में विकास को कोई बड़ा काम नहीं हुआ है। जलजमाव की वजह से कई सड़कें जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं। नालियां भी सिल्ट से भरी रहती हैं।
एक साल से वार्ड में नही हुआ कोई कार्य
पार्षद रमेश यादव का कहना है कि जलभराव के कारण जो सड़कें टूट गई थी उसे भी नहीं ठीक कराया गया। सामुदायिक शौचालय की स्थिति भी दयनीय है। बीते एक वर्ष में वार्ड में विकास का एक भी कार्य नहीं हुआ है। वार्ड में कूड़ा पड़ाव न होने और गाड़ी के अभाव में समय से कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाता। नगर निगम के अधिकारी भी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। वहीं नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश कुमार रस्तोगी का कहना है कि नाले पर अतिक्रमण करने वालों और डेयरी संचालकों को चेतावनी दी गई है। अगर दो दिन के भीतर सड़क व नाली से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो नगर निगम सारा सामान जब्त करने के साथ-साथ जुर्माना भी वसूल करेगी।