उच्च शिक्षा विभाग विकसित करेगा ई-पोर्टल, अपलोड होंगे ई-कंटेंट Gorakhpur News
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में शैक्षिक गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ई-पोर्टल विकसित करेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में शैक्षिक गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ई-पोर्टल विकसित करेगा। इस दिशा में कार्य शुरू हो चुका है। लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों द्वारा उपलब्ध कराए गुणवत्तायुक्त ई-कंटेंट पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। इनमें पीडीएफ, ऑडियो-वीडियो व पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन ई-कंटेंट शामिल होंगे। प्रमुख सचिव उ'च शिक्षा ने सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से ई-कंटेंट की सूची मांगी है, जिसे छह मई तक हर हाल में उपलब्ध कराना होगा। विश्वविद्यालय ने सभी विभागाध्यक्षों को उपयुक्त पाठ्यसामग्री चिह्नित करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अधिकांश विभागाध्यक्षों द्वारा मंगलवार शाम तक 50 से अधिक शिक्षकों के लगभग 350 कंटेंट चिह्नित किए गए थे। कुछ अन्य विषयों की सूची अभी आनी शेष है।
विवि की ई-पाठशाला में 2672 पाठ्य सामग्री उपलब्ध
गोरखपुर विश्वविद्यालय के ई-पाठशाला पोर्टल पर अब तक 261 शिक्षकों की 2672 पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो चुकी है। मंगलवार की शाम चार बजे तक ई-पाठशाला पोर्टल पर 96 हजार पेज विजिट किए जा चुके थे।
राज्यस्तरीय पोर्टल के लिए विभागाध्यक्षों से अपेक्षित अर्हता वाली सामग्री का विवरण मांगा गया था। अधिकांश विभागों ने अपनी सूची भेज दी है। समग्र रिपोर्ट बुधवार को शासन को भेज दी जाएगी। - प्रो.हर्ष कुमार सिन्हा, समन्वयक, ई-पाठशाला, गोविवि।
फेसबुक और ट्विटर के जरिये छात्रों से जुड़े मानव संसाधन विकास मंत्री
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कोरोना की त्रासदी में छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़कर इसका लाभ लेने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी पर चार करोड़ जबकि स्वयं पोर्टल पर दो हजार से अधिक पाठ्यसामग्री उपलब्ध है। छात्र-छात्राओं को इसका फायदा उठाना चाहिए। निशंक ने खाली समय में छात्रों को डायरी लिखने के लिए प्रेरित किया। वहीं अभिभावकों से ब'चों के करीब जाने की बात कही। शिक्षण की वर्तमान व्यवस्था पर बातचीत के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री दोपहर 12 बजे फेसबुक पर लाइव हुए। कार्यक्रम के देशव्यापी होने की वजह से उनके ऑनलाइन होते ही सवालों की झड़ी लग गई। निशंक ने समग्र और सारगर्भित जवाब देते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में भी पठन-पाठन प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। स्वयं पोर्टल व स्वयं चैनल के जरिये भी पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिनके पास इंटरनेट नहीं है वह दूरदर्शन के जरिये पढ़ाई कर सकते हैं। छात्रों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों ने भी सवाल किए। शोध छात्रा सुप्रिया राय और झुंपा सरकार मंडल ने विद्यार्थियों के लिए निर्बाध इंटरनेट की मांग की तो छात्र मंतोष यादव ने परामर्श कक्षाओं को चलाने पर जोर दिया। शोध छात्र अश्विनी त्रिपाठी ने प्री-पीएचडी कक्षाएं न चल पाने के चलते सभी छात्रों का पंजीकरण करने की मांग उठाई। परास्नातक की छात्रा हर्षिता शुक्ला ने सेमेस्टर परीक्षाओं का माध्यम जानना चाहा तो छात्रा किरन यादव ने कौशल विकास के कार्यक्रमों को चलाने का सुझाव दिया। यादवेंद्र सिंह ने इस संवाद को प्रेरित करने वाला बताया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो.अजय कुमार शुक्ला, प्रोफेसर शोभा गौड़ ने लाइव सेशन को लाभकारी व सराहनीय बताया। असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मनीष पांडेय ने सुझाव दिया कि स्थिति स्थिर होने के बाद ही परीक्षा कराना उचित होगा, क्योंकि कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं।
शिक्षा मंत्री द्वारा छात्रों व शिक्षकों से सीधा संवाद करने की पहल सराहनीय है। संकट के इस समय में यह संवाद देशभर के छात्रों का मनोबल बढ़ाने वाला है। - प्रो. विजय कृष्ण सिंह, कुलपति, गोविवि