गोरखपुर के फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई क्यों नहीं करना चाह रहा विभाग, जानें-अधिकारियों की करतूत Gorakhpur News
प्रदेश के गोरखपुर समेत विभिन्न जनपदों में चिह्नित ढ़ाई हजार शिक्षकों की बर्खास्तगी और उनके खिलाफ एफआइआर की कार्रवाई दो दिनों के अंदर पूर्ण करने का निर्देश दिया। कार्रवाई नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी व एफआइआर में लेटलतीफी पर शासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। शासन ने बीएसए को दो दिनों में इस मामले में लंबित कार्रवाई का निपटारा करते हुए रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। जिले में अभी भी 18 निलंबित शिक्षकों के विरुद्ध बर्खास्तगी तथा न्यायालय के निर्देश पर बहाल बर्खास्त आठ शिक्षकों के विरुद्ध जांच के बाद एफआइआर की कार्रवाई की जानी है।
26 फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध होनी है बर्खास्तगी व एफआइआर की कार्रवाई
प्रदेश के गोरखपुर समेत विभिन्न जनपदों में चिह्नित ढ़ाई हजार शिक्षकों की बर्खास्तगी और उनके खिलाफ एफआइआर की कार्रवाई दो दिनों के अंदर पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही चेताया है कि यदि ये कार्रवाई दो दिन में शत-प्रतिशत पूरी नहीं हुई तो बेसिक शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद के आदेश के बाद जिले में बेसिक शिक्षा विभाग एक बार फिर फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध लंबित कार्रवाई संबंधी कागजात दुरुस्त करने में जुट गया है, ताकि शासन को कार्रवाई न होने के कारणों व कार्रवाई की सूचना तत्काल उपलब्ध कराई जा सके।
इस संबंध में बीएसए बीएन ङ्क्षसह ने बताया कि जिन शिक्षकों के विरुद्ध अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं हुआ है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही निलंबित शिक्षकों की चल रही जांच पूरी होते ही बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में अब तक बर्खास्त हो चुके हैं 79 शिक्षक
जनपद के परिषदीय विद्यालयों में फर्जी अंकपत्र पर नौकरी के मामले में बर्खास्त शिक्षकों की संख्या 79 पहुंच चुकी है। जबकि निलंबित हो चुके 18 शिक्षकों के विरुद्ध जांच चल रही है।