देवरिया जेल के नौ बंदी रक्षक मिले जांच में दोषी, होगी कार्रवाई
देवरिया जिला कारागार की बैरक में बंदियों के मोबाइल पर बात करने का वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन के कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा होने लगा है। नौ बंदी रक्षक दोषी पाए गए हैं जिनके खिलाफ जेल अधीक्षक ने कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट डीआइजी को सौंपी है।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिला कारागार की बैरक में बंदियों के मोबाइल पर बात करने का वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन के कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा होने लगा है। इस पूरे प्रकरण में नौ बंदी रक्षक दोषी पाए गए हैं, जिनके खिलाफ जेल अधीक्षक ने कार्रवाई के लिए अपनी रिपोर्ट डीआइजी को सौंपी है। एक से दो दिनों में बंदी रक्षकों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। उधर डीआइजी जेल की जांच में कुछ डिप्टी जेलर भी घेरे में आ गए हैं।
31 सेकेंड की बातचीत का वीडियो वायरल
शुक्रवार को जेल की एक बैरक के चार बंदियों की बातचीत का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर 31 सेकेंड का वायरल हो गया। वीडियो में एक बंदी मोबाइल पर बात करते हुए नजर आ रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जेल प्रशासन ने बैरक संख्या 17 की तलाशी ली और मोबाइल पर बात करने वाले बंदी रतन यादव व वीडियो वायरल करने वाले गैंगस्टर शिट्टू के पास से एक-एक मोबाइल बरामद किया गया। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच चल रही है। वीडियो वायरल होने के बाद कारागार प्रशासन सख्त हो गया है।
डिप्टी जेलर भी जांच के घेरे में
जेल अधीक्षक ने जांच की और अपनी रिपोर्ट में नौ बंदी रक्षकों को दोषी पाया है। साथ ही जांच के घेरे में डिप्टी जेलर भी आए हैं। डीआइजी जेल के स्तर से एक से दो दिनों में बंदी रक्षकों पर कार्रवाई हो सकती है। जबकि डिप्टी जेलर के खिलाफ मुख्यालय से कार्रवाई होने की बात कही जा रही है। जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने कहा कि प्रथम ²ष्टया नौ बंदी रक्षक दोषी पाए गए हैं। इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है।
मोबाइल बरामद होने के बाद चार बंदियों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की तैयारी
देवरिया जेल मोबाइल बरामद होने के बाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। बंदी रतन यादव, गैंगस्टर शिट्टू समेत चार बंदियों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की प्रशासन की तैयारी शुरू हो गई है। जेल अधीक्षक ने इसको लेकर पत्र व्यवहार शुरू कर दिया है।
जेल चौकी प्रभारी को सौंपी गई जांच
जेल प्रशासन ने मोबाइल मिलने व वीडियो वायरल होने के मामले में 24 घंटे में दो मुकदमा कोतवाली में दर्ज कराया है। दोनों मामलों की विवेचना जेल चौकी प्रभारी अनिल कुमार को सौंपी गई है। बरामद मोबाइलों के काल डिटेल व सिम किसके नाम पर है, यह जानकारी पुलिस जुटाने में जुटी है। एक से दो दिन में विवेचक जेल पहुंच कर वादी व प्रतिवादी का बयान दर्ज कर सकते हैं।