देवरिया काड : एसपी, कोतवाल के बाद सीओ सिटी भी नपे
एडीजी जोन की रिपोर्ट पर शासन ने की कार्रवाई, एसपी, कोतवाल पर पहले ही हो चुकी है कार्रवाई।
गोरखपुर : देवरिया काड में शनिवार की रात शासन ने सीओ सिटी दयाराम को भी निलंबित कर दिया। कुछ अन्य अधिकारियों को भी निलंबित करने की तैयारी है।
बता दें कि रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित बाल गृह बालिका में देवरिया पुलिस ने पाच अगस्त की रात छापेमारी कर संचालिका गिरिजा त्रिपाठी तथा उनके पति को गिरफ्तार कर लिया था। एसपी देवरिया ने बाल गृह बालिका की आड़ में देह व्यापार होने का दावा किया था। पुलिस के इस सनसनीखेज पर्दाफाश के बाद शासन स्तर तक हड़कंप मच गया था। दूसरे दिन ही देवरिया के जिलाधिकारी को हटाने के साथ ही शासन ने एडीजी जोन दावा शेरपा को पूरे प्रकरण की जाच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। देवरिया जाकर एडीजी जोन ने इस मामले की गहराई से छानबीन करने के बाद 11 अगस्त को इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट भेज दी थी। पुलिस महानिदेशक ने 14 अगस्त को अपनी टिप्पणी के साथ जाच रिपोर्ट शासन को सौंप दिया। रिपोर्ट के आधार पर 15 अगस्त की रात एसपी रोहन पी कनय, डीआईजी बस्ती राकेश शकर, सीओ सिटी दयाराम को हटाने के साथ ही कोतवाल वीके सिंह गौर, उप निरीक्षक जटा शकर सिंह को निलंबित कर दिया गया था। शनिवार की रात शासन ने सीओ सिटी दयाराम को भी निलंबित करते हुए डीजीपी कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि जनपद के 100 से अधिक पुलिस कर्मी कार्रवाई की जद में हैं। पति, बेटी समेत गिरिजा 72 घंटे की रिमांड पर
कांड की मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति मोहन त्रिपाठी व बेटी कंचनलता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। पाक्सो कोर्ट में पांच घंटे तक चली सुनवाई के बाद जज पीके शर्मा ने तीनों आरोपितों को 72 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया। एसआइटी ने तीनों आरोपितों को देर रात जेल से रिमांड पर ले लिया।
एसआइटी के विवेचक बृजेश कुमार व सीओ राकेश कुमार ने पाक्सो कोर्ट में आरोपित गिरिजा त्रिपाठी, मोहन त्रिपाठी व कंचनलता को पुलिस रिमांड पर लेने के लिए अर्जी दी। कोर्ट के आदेश पर तीनों आरोपितों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से अदालत लाया गया। अदालत ने तीनों आरोपितों को विवेचक द्वारा दी गई अर्जी की प्रति उपलब्ध कराई। सुनवाई के दौरान गिरिजा ने कोर्ट को बताया कि जेल से लाते समय विवेचक बृजेश कुमार ने मुझसे कहा कि ऐसी कार्रवाई करुंगा कि तुम्हें आत्महत्या करना पड़ेगा। आरोपित की यह दलील सुनकर जज ने विवेचक से स्पष्टीकरण मांगा। विवेचक ने आरोप को बेबुनियाद बताया। कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं। इसके बाद कोर्ट ने देर सायं करीब 7.30 बजे तीनों आरोपितों को 18 अगस्त की रात की नौ बजे से 21 अगस्त की रात नौ बजे तक (चार दिन) शर्तों के अधीन पुलिस अभिरक्षा में देने का आदेश दिया। कोर्ट ने महिला आरोपितों के साथ महिला आरक्षी व उनके अधिवक्ता अर¨वद कुमार पांडेय को भी साथ रहने का आदेश दिया है। पुलिस कस्टडी लेते वक्त व जेल में दाखिल करते समय मेडिकल कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने किसी भी आरोपित के साथ प्रताड़ना की कोई कार्रवाई नहीं करने को भी कहा है। आदेश के बाद एसआइटी ने गिरिजा समेत तीनों आरोपितों को जेल में दाखिल किया, उसके बाद तय समय पर रिमांड पर ले लिया। सुनवाई के दौरान आरोपित मोहन ने की सीने में दर्द की शिकायत
पाक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपित मोहन त्रिपाठी अचानक सीने में दर्द होने की शिकायत करते हुए रोने लगा। पुलिसवालों ने तत्काल उसे बेंच पर लिटा दिया। उसकी पत्नी गिरिजा त्रिपाठी सीना सहलाने लगी तो पुलिस वालों ने पानी पिलाया। आरोपित मोहन से सीओ दयाराम ने पूछा कि यदि अधिक दर्द हो तो तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है। मोहन ने बताया कि वह हृदयरोगी है। दवा न मिलने के कारण दिक्कत बढ़ गई है। हालांकि कुछ देर बाद उसे आराम मिल गया।