पूर्वांचल की बेटी की मेधा का कमाल, अमेजन कंंपनी में 70 लाख का सलाना पैकेज
पूजा सिंह ने शहर के ही जीवनमार्ग सोफिया सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद इंटर लखनऊ के रानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स कालेज से किया। ग्रेटर नोएडा से कम्प्यूटर सांइस में बीटेक करने के बाद अमेरिका के नार्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ साइंस किया।
गोरखपुर, महेंद्र कुमार त्रिपाठी। पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के शहर के भुजौली कालोनी के रहने वाले डा. एसके सिंह की अमेरिका में पढ़ रही बेटी पूजा सिंह को अमेजन कंपनी ने एक लाख डॉलर का पैकेज दिया है। इससे स्वजन व पड़ोसी गदगद हैं।
डा.सिंह सेवानिवृत्त जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी हैं। उनकी पत्नी राष्ट्रगौरव सिंह गौरीबाजार ब्लाक के करमेल उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। चार संतानों में तीन बेटियां एवं सबसे छोटा पुत्र है। दंपती ने सभी बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाकर अन्य लोगों को सीख दी है। पूजा सिंह ने शहर के ही जीवनमार्ग सोफिया सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के बाद इंटर लखनऊ के रानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स कालेज से किया। इसके बाद पूजा ने जीएनआईओटी ग्रेटर नोएडा से कम्प्यूटर सांइस में बीटेक करने के बाद अमेरिका के नार्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ साइंस किया। अब अमेजन ने एक लाख अमेरिकी डालर के पैकेज पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर अपने यहां नौकरी दी है।डा. सिंह ने बताया कि तीनों बेटियां उनका अभिमान हैं। पूजा की सफलता पर चिकित्सक डा. रमेश चंद्र त्रिपाठी, आशुतोष सिंह आदि ने बधाई दी है।
बेटियों को देते हैं बेटे का दर्जा
सेवानिवृत्त जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डा: सुरेंद्र सिंह व पत्नी राष्ट्र गौरव सिंह के पास तीन संताने हैं। जिसमें तीन बेटियां व एक पुत्र। डा. सिंह तथा उनकी पत्नी का मानना है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है हम लोगों ने बेटियों को बेटे के बराबर का दर्जा दिया कभी भी बेटियों को कम नहीं समझा किसी भी काम में उनकी सहमति एवं उनकी सलाह को प्रमुखता दिया।
एक डाक्टर तो दूसरी चार्टर्ड अकाउंटेंट
सेवानिवृत्त जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डा: सुरेंद्र सिंह व पत्नी राष्ट्र गौरव सिंह बेटियों को शुरू से ही बेहतर शिक्षा देने की तरफ अग्रसर किया। जिसका नतीजा यह है कि बड़ी बेटी डाक्टर ज्योति सिंह चंडीगढ़ से पढ़ाई कर नेत्र चिकित्सक बनी हैं। छोटी बेटी विजया सिंह चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स करने के बाद हरियाणा में एक कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। बेटियों को कभी भी कमतर नहीं समझना चाहिए। बेटियां यदि नहीं रहे तो कैसे सृष्टि का विकास होगा। इसलिए सभी लोगों को बेटियों की परवरिश में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। हम लोग अपनी बेटियों की उपलब्धि से काफी खुश हैं लोगों को भी संदेश देते हैं कि बेटियों को हमेशा सम्मान दें तथा उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कोई कमी न करें।