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डेंगू ने दी चुनौती, बीआरडी मेड‍िकल कालेज में भर्ती हुए 70 मरीज- दो की मौत

गोरखपुर में इस साल डेंगू के 36 मरीज मिल चुके हैं। बीआरडी मेडिकल कालेज में अब तक गोरखपुर सहित अन्य जनपदों के 70 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। सरकारी अस्पतालों में 17 मरीजों का इलाज चल रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 31 Oct 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 31 Oct 2021 07:30 AM (IST)
डेंगू ने दी चुनौती, बीआरडी मेड‍िकल कालेज में भर्ती हुए 70 मरीज- दो की मौत
गोरखपुर में डेंगू पैर पसारने लगा है। यहां अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पिछले पांच वर्षों में इस साल डेंगू ने चुनौती दी तो स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए हैं। गोरखपुर में इस साल डेंगू के 36 मरीज मिल चुके हैं। बीआरडी मेडिकल कालेज में अब तक गोरखपुर सहित अन्य जनपदों के 70 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। सरकारी अस्पतालों में 17 मरीजों का इलाज चल रहा है।

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अध‍िकार‍ियों की लापरवाही से फैल रहा संक्रमण

कोरोना संक्रमण फैलने के साथ ही डेंगू के फैलाव पर रोक लग गई थी। 2020 में एक भी मौत नहीं हुई थी और संक्रमित केवल नौ लोग हुए थे। इसे लेकर विभाग खुशफहमी में था कि अब डेंगू की काफी हद तक रोकथाम हो चुकी है। इसलिए रोकथाम के उपायों को लेकर पूरी लापरवाही बरती गई। देखते-देखते इस साल अब तक 36 मरीज संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 14 रेलवे कालोनियों व यांत्रिक कारखाना के हैं। बावजूद इसके न तो वहां सफाई हो रही है और न ही दवा का छिड़काव। अन्य मरीज बशारतपुर, तारामंडल, रुस्तमपुर आदि इलाकों में मिले हैं, बावजूद इसके सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

केवल टीमें बनीं, नहीं हो रहा छ‍िड़काव

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि शहरी क्षेत्र में जांच के लिए मलेरिया विभाग ने नौ टीमें बनाई है। सभी टीमें क्षेत्र में जा रही हैं, जांच कर रही हैं और जरूरत पड़ने पर एंटी लार्वल का छिड़काव किया जा रहा है। जबकि हकीकत इससे उलट है। न तो कहीं छिड़काव हो रहा है और न ही जांच। नागरिक भगवान भरोसे हैं। इसी वजह से लगातार डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

रेलवे कालोन‍ियों में सबसे ज्‍यादा मरीज

सीएमओ ने बताया रेलवे कालोनियों में सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। रेलवे प्रशासन को कालोनियों में साफ-सफाई कराने के लिए पत्र लिखा गया है। अन्य क्षेत्रों में हमारी टीमें जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। कूलर, फ्रिज, पशु-पक्षियों के बर्तनों, टायरों आदि में जमा साफ पानी हटाया जा रहा है। जो लोग बीमार हैं, उनकी जांच की जा रही है। दवाएं दी जा रही हैं। अब तक 12 सौ से अधिक बुखार के मरीजों की डेंगू की जांच की जा चुकी है।

यांत्रिक कारखाने में चला स्वच्छता अभियान, साफ हुई नालियां

आखिरकार, रेलवे प्रशासन ने यांत्रिक कारखाने की भी सुध ली है। कारखाने में डेंगू पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को स्वच्छता अभियान चलाया गया। मुख्य कारखाना प्रबंधक योगेश मोहन ने संबंधित अधिकारियों के साथ कारखाने का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को नियमित सफाई कराने की सख्त हिदायत दी। सफाई कर्मियों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान चलाया। विभिन्न शापों की सफाई के अलावा टैंक में भरे हुए पानी को भी बदला गया। कूड़े हटाए गए। जलभराव, नालियां व झाड़ियों की सफाई हुई। इसके अलावा मलेरिया विभाग ने भी दवा का छिड़काव कराया। दरअसल, कारखाने में गंदगी पसरी है। इसके चलते कर्मचारियों में मच्छरजनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। कारखानाकर्मी आए दिन डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। दैनिक जागरण ने कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए 29 अक्टूबर के अंक में कारखाने में फैल रहीं मच्छरजनित बीमारियां शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।


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