ऐसे शुरू हुआ देवरिया जेल से रंगदारी मांगने का सिलसिला
देवरिया जेल से 2017 से बदमाशों द्वारा रंगदारी मांगने का सिलसिला शुरू हुआ। उस समय तक बाहुबली नेता अतीक अहमद जेल में दाखिल हो चुका था।
गोरखपुर : देवरिया जेल से रंगदारी मांगने का सिलसिला दो वर्ष पहले से शुरू हुई। यह सिलसिला अब लगातार बढ़ने लगा है। इस दौरान जेल से पचास से अधिक मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार जेल में गुटबाजी बढ़ रही है और कभी भी बवाल होने की संभावना है।
देवरिया जेल में अप्रैल 2017 में बाहुबली नेता अतीक अहमद के दाखिल होने के साथ कई बड़े अपराधियों को शिफ्ट कर दिया गया, इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़ा होने लगा। जेल प्रशासन ने आधा दर्जन जैमर लगाया, ताकि जेल के अंदर से कोई मोबाइल से बात न कर सके, लेकिन प्रशासन के इस मंसूबे पर बदमाशों ने पानी फेर दिया। जेल के अंदर से ही बड़े बदमाश अपना रैकेट संचालित कर रहे हैं। साथ ही लोगों को धमकी देकर रंगदारी मांगने और अपने लोगों को ठेका दिलवा रहे हैं। अगस्त 2017 से शुरू हुई रंगदारी मांगने का सिलसिला
देवरिया जेल के अंदर से अगस्त 2017 में गोरखपुर के ईएनटी सर्जन डा. ज्ञानेश को धमकी दी गई। इस मामले में जेल में बंद सोनू ¨सह पर मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस छानबीन की। 30 दिसंबर 2017 को प्रतापगढ़ जनपद के आसपुर देवसरा के दिवाया गांव निवासी मुलायम यादव ने देवरिया जेल से सुल्तानपुर जनपद के चांदा थाना क्षेत्र के ग्राम शफीपुर के प्रधान प्रतिनिधि अनूप शुक्ला को फोन कर पांच लाख की रंगदारी मांगी। न देने पर जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और छानबीन की गई। अब रामाश्रय यादव ने तीन लाख रुपये की रंगदारी मांगी है। इसका पर्दाफाश तब हुआ जब पीड़ित ने पुलिस में शिकायत की। सूत्रों का कहना है कि तमाम ऐसे भी मामले हैं जिसमें पीड़ित डर के कारण पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पाए। आए दिन कैदी जेल से ही अपने लोगों व घर पर बात कर रहे हैं। जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय का कहना है कि आए दिन बैरक में चे¨कग की जाती है और कैदियों के पास से हाल ही में मोबाइल बरामद किया गया है। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। थ्री जी रोकने की है जैमर की क्षमता
देवरिया जिला कारागार में सुरक्षा के मद्देनजर लाखों रुपये की लागत से मोबाइल जैमर लगाया है। इसे चलाने के लिए सोलर पैनल लगाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। खास बात यह है कि इस जैमर की क्षमता थ्री-जी मोबाइल नेटवर्क को रोकने की है, जबकि जनपद में फोर-जी मोबाइल नेटवर्क कार्य कर रहा है। इसलिए जेल में बंद कैदी फोर-जी मोबाइल व फोर-जी नेटवर्क का सिम कार्ड प्रयोग कर रहे हैं और जेल में लगा मोबाइल जैमर अपराधियों के सामने शो-पीस बनकर रह गया है। कुख्यात रामाश्रय की बैरक की हुई सघन तलाशी
देवरिया जेल में बंद कुख्यात बदमाश रामाश्रय यादव द्वारा जेल के अंदर से ही बलिया जनपद के एक आटा मिल मालिक से तीन लाख रुपये की रंगदारी मांगने का मामला प्रकाश में आने के बाद जेल प्रशासन गंभीर हो गया है। उसके बाद जेल अधीक्षक के नेतृत्व में जेल प्रशासन ने बैरक की तलाशी ली। हालांकि जेल प्रशासन को बैरक से कुछ भी संदिग्ध सामान नहीं मिला। बावजूद इसके बलिया पुलिस द्वारा जेल आकर शातिर बदमाश और जेल प्रशासन से भी पूछताछ करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
मऊ जनपद के मधुबन थाना क्षेत्र के ग्राम परसिया गिरी निवासी रामाश्रय यादव कुख्यात अपराधी है। भागलपुर के पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेश यादव पर वर्ष 2013 में हमला किया था, जिसमें गोली लगने से चालक की मौत हो गई थी। उसका देवरिया जनपद के अलावा बलिया समेत विभिन्न जनपदों में आपराधिक नेटवर्क रहा है। वाराणसी से एसटीएफ ने रामाश्रय को गिरफ्तार किया और वह देवरिया जेल में इन दिनों बंद है। देवरिया जेल की बैरक नंबर सत्रह में बंद रामाश्रय ने बलिया जनपद के बेल्थरा रोड के एक आटा मिल मालिक से तीन लाख रुपये की रंगदारी मांगी है। साथ ही पैसा न देने पर जान से मारने की धमकी दी है। इस मामले में बलिया पुलिस मुकदमा दर्ज कर छानबीन कर रही है।