Coronavirus: गोरखपुर में संक्रमितों के लिए इस इंजेक्शन की मांग बढ़ी, बाजार से गायब Gorakhpur News
अमेरिकन कंपनी का होने के कारण यह जल्दी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। मौजूदा समय में गोरखपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में नहीं है। महंगा होने के नाते आर्डर पर दिल्ली से मंगाया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना की दवा टोसिलीजुमैब इंजेक्शन की पुन: मांग बढ़ गई है। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज व दो निजी अस्पतालों में मरीजों पर प्रयोग करने के बाद इस इंजेक्शन का परिणाम बेहतर दिखा। इसके बाद डॉक्टरों ने इसकी सलाह देनी शुरू कर दी। भालोटिया में मांग आने लगी है। दवा उपलब्ध न होने से मरीजों को निराश होना पड़ रहा है।
कुछ दिन पूर्व इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) व विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे कारगर नहीं पाया था। इसके बाद ज्यादातर अस्पतालों ने इस इंजेक्शन का प्रयोग करना बंद कर दिया। इसकी कीमत 40 से 44 हजार रुपये के बीच है। यह इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध न होने से रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। विभिन्न कंपनियों के इस इंजेक्शन की कीमत 2700 से 5400 रुपये के बीच है। ज्यादातर जगहों पर इसी का प्रयोग किया जा रहा है। कुछ लोग दिल्ली से टोसिलीजुमैब मंगवा रहे हैं।
दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया ने बताया कि टोसिलिजुमैब इंजेक्शन मुंबई, दिल्ली और गुजरात के कोरोना संक्रमित मरीजों पर काफी असरदार साबित हुआ है। यही वजह है कि इन जगहों पर करीब 15 दिन पूर्व इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही थी। अमेरिकन कंपनी का होने के कारण यह जल्दी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। मौजूदा समय में गोरखपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में नहीं है। महंगा होने के नाते आर्डर पर दिल्ली से मंगाया जा रहा है।
कोविड मरीजों की सेवा में जुटीं 25 एंबुलेंस, 2300 को मिला लाभ
25 एंबुलेंस कोविड मरीजों की सेवा में लगाई गई हैं। अभी तक कुल 2300 कोरोना मरीजों को सेवा दे चुकी हैं। 108 नंबर की 21 व चार एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम एंबुलेंस 24 घंटे कोरोना मरीजों के लिए कार्य कर रही हैं। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि सेवा दे रहे जीवीके फाउंडेशन के प्रतिनिधि के तौर पर जिला प्रबंधक अजय उपाध्याय को भी 24 घंटे मोबाइल पर अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। सभी 25 एंबुलेंस पर 12-12 घंटे की शिफ्ट में दो-दो (एक पॉयलट और दूसरा ईएमटी) कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सुरक्षात्मक उपायों को अपनाते हुए एंबुलेंस मरीजों को पहुंचाती है। आवश्यकतानुसार वेंटीलेटर या ऑक्सीजन की सुविधा भी एंबुलेंस में दी जा रही है। जिला प्रबंधक अजय उपाध्याय ने बताया कि एंबुलेंस में सैनिटाइजेशन का इंतजाम किया गया है। कोविड मरीज को पहुंचाने के बाद गाड़ी सैनिटाइज की जाती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीपीई किट, मॉस्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर समेत सभी सुरक्षात्मक उपकरण दिए गए हैं।