गोरखपुर में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ का अमरूद फैला रहा मिठास Gorakhpur News
भिलाई और रायसेन में पैदा होने वाले हाईब्रिड अमरूद की मांग गोरखपुर में भी बढ़ रही है। एक अमरूद 400 ग्राम से लेकर एक किलो तक होता है। मिठास के मामले में भी यह दूसरों अमरूदों पर भारी पड़ रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के भिलाई और मध्य प्रदेश के रायसेन से आने वाला अमरूद शहर में मिठास फैला रहा है। सभी प्रमुख चौराहों पर आजकल बिक रहे थाईलैंड विराइटी के इस अमरुद को लोग हाथोंहाथ ले रहे हैं। सिर्फ अमरूद का वजन ही नहीं उसकी चमक भी लोगों को आकर्षित कर रही है। इस अमरूद की विशेषता है कि इसे 12 से 15 दिन तक रख सकते हैं।
एक अमरूद का वजन 400 ग्राम तक
भिलाई और रायसेन में पैदा होने वाले हाईब्रिड अमरूद की मांग गोरखपुर में भी बढ़ रही है। एक अमरूद 400 ग्राम से लेकर एक किलो तक होता है। मिठास के मामले में भी यह दूसरों अमरूदों पर भारी पड़ रहा है। यही वजह है कि सौ रुपये किलो होने के बावजूद लोग इस खरीदना पसंद कर रहे हैं। मंडी में पहले सिर्फ एक व्यापारी इस अमरूद को मंगवाते थे, लेकिन मांग को देखते हुए कई व्यापारियों छत्तीसगढ़ के अलावा दिल्ली से भी माल मंगवाना शुरू कर दिया है। महेवा मंडी में फलों के कारोबारी संतोष कुशवाहा ने बताया कि ठंड में इस अमरूद को अ'छी पैदावार होती है। खाने में स्वादिष्ट होने के कारण लगन में इसकी बिक्री खूब हो रही है। बाजार में इलाहाबादी अमरूद आने के बाद इसकी मांग बहुत हद तक कम हो जाएगी, क्योंकि इलाहाबादी अमरूद सस्ता होगा। गोरखनाथ के सौरभ शर्मा ने बताया कि कम मिठास के कारण यह अमरूद डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी बताया जा रहा है, इसलिए बहुत से लोग इसे पसंद कर रहे हैं।
हर मोहल्ले में मिल रहा अमरूद
गोरखपुर शहर के करीब करीब हर मोहल्ले में यह अमरूद देखा जा सकता है। मोहल्ले में ठेले वाले अमरूद लेकर पहुंच रहे हैं। थोक बाजार में भी मध्य प्रदेश और छत्तीस गढ़ के अमरूद हर जगह मौजूद हैं। बाजार में लोकल अमरूद भी हैं पर उसकी बिक्री बहुत कम है। लोग उसी अमरूद की मांग कर रहे हैं, जिसमें मिठास है।