Oxygen in Gorakhpur: गोरखपुर में आक्सीजन का उत्पादन बढ़़ते ही घट गई मांग, अब नहीं लग रही लाइन
इस समय अस्पतालों से पूछकर आक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति की जा रही है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने व होम आइसोलेशन में भी मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आने के कारण यह स्थिति आई है।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले में आक्सीजन का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है लेकिन अब मांग घट चुकी है। करीब एक महीने पहले जहां गीडा के आक्सीजन प्लांटों पर लाइन लगी रहती थी, वहीं इस समय अस्पतालों से पूछकर आक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति की जा रही है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने व होम आइसोलेशन में भी मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आने के कारण यह स्थिति आई है।
उत्पादन आठ हजार से अधिक, मांग तीन हजार सिलिंडर की
आक्सीजन सिलिंडर के लिए पहले अधिकारियों के पास दिनभर फोन आते रहते थे। अस्पतालों की ओर से जितनी मांग की जाती थी, उससे कुछ कम सिलिंडर ही मिल पाता था। गीडा स्थित आक्सीजन प्लांटों पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम एवं राजस्व विभाग के कर्मचारी जमे रहते थे। प्लांटों को 20 से 22 घंटा चलाना पड़ता था। इसी दौरान प्रशासन ने आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया और धीरे-धीरे उत्पादन बढ़न लगा। मोदी केमिकल्स ने अयोध्या से आक्सीजन प्लांट लाकर यहां लगाया। हवा से आक्सीजन बनाने वाले अन्नपूर्णा गैसेज में भी इस समय उत्पादन शुरू हो चुका है। वर्तमान समय में जिले में प्रतिदिन करीब आठ हजार आक्सीजन सिलिंडर का उत्पादन हो रहा है जबकि खपत मात्र तीन हजार आक्सीजन सिलिंडर की है। यहां से प्रदेश के 25 जिलों को भी समय-समय पर आक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। इस समय मांग भले ही घट गई हो लेकिन तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने की कवायद लगातार जारी है। कई अस्पतालों में प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। एक प्लांट गोरखपुर लाया जा चुका है।
अस्पतालों में खाली हैं 64 फीसद बेड
इस समय जिले के कोविड अस्पतालों में करीब 64 फीसद बेड खाली हैं। जिले में सरकारी एवं निजी मिलाकर कुल 47 कोविड अस्पताल हैं, जिनमें 1963 बेड हैं। डायरेक्टरेट आफ मेडिकल एंड हेल्थ सर्विसेज उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर अस्पतालों में खाली बेड की संख्या प्रतिदिन अपडेट की जाती है। सोमवार को गोरखपुर जिले में 1261 बेड खाली थे। बीआरडी मेडिकल कालेज में 500 बेड हैं, जिसमें से 242 खाली हैं। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि आक्सीजन का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अस्पतालों में मरीज कम होने से मांग भी घट गई है। अस्पतालों को अब उनकी जरूरत पूछकर आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। जिले के बाहर भी आपूर्ति होती है। जल्द ही उत्पादन क्षमता और बढ़ाई जाएगी।