डांडिया रास 2019 : तस्वीरों में देखें, मोना भट्ट ने कैसे बांधा समा Gorakhpur News
दैनिक जागरण द्वारा गाेरखपुर में आयोजित डांडिया रास 2019 कार्यक्रम में बालीवुड सिंगर मोना भट्ट व एंकर शीना गुजराल की आवाज का जादू सभी के सिर चढ़कर बोला।
गोरखपुर, जेएनएन। चकाचौंध कर देने वाली सतरंगी रोशनी के बीच सुर और साज की जुगलबंदी युवाओं को बेकाबू कर रही थी तो महिलाओं को डांडिया नृत्य के लिए मजबूर। युवा जोड़े तो हर पल को अपने आगोश में भर लेने के लिए बेताब थे। गाेरखपुर में बालीवुड सिंगर मोना भट्ट व एंकर शीना गुजराल की आवाज का जादू सभी के सिर चढ़कर बोल रहा था।
आयोजन था डांडिया रास-2019 का, अवसर दिया था पाम पैराडाइज के सहयोग से दैनिक जागरण ने। सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में आयोजित इस रंगारंग कार्यक्रम का गवाह बन रहे थे वहां मौजूद हजारों लोग। रोशनी की चकाचौंध में डांडिया रास की मस्ती व धमाल से रात जवां होती गई। सुर-संगीत पर डांडिया धमाल मचाने का जो सिलसिला शाम से शुरू हुआ वह देर रात तक जारी रहा।
कलाकारों ने किया मंत्रमुग्ध
मंच पर आए दोनों कलाकारों ने डांडिया की परंपरा को आधुनिकता के लिबास में सहेज कर कुछ इस तरह परोसा कि युवा जोड़ों से खचाखच भरा मैदान परंपरा व आधुनिकता की जुगलबंदी से खिल उठा। यही वजह थी कि हर आयुवर्ग के लोगों ने माहौल का जमकर लुत्फ उठाया। गीत के एक-एक बोल पर थिरकते लोगों के लिए मानों वक्त ठहर सा गया था। डांडिया को गुजरात का नृत्य भले ही कहा जाता हो लेकिन जागरण के आयोजन में कहीं से यह नहीं लगा कि यह पूर्वांचल के परंपरागत नृत्य का हिस्सा नहीं है।
शीना गुलजार ने बांधा समां
एंकर शीना गुजराल ने जब सिंगर मोना भट्ट को मंच पर आमंत्रित किया तो समूचा परिसर तालियों से गूंज उठा। मोना से हाथ हिलाकर सबका अभिवादन करने के बाद कुशलक्षेम पूछा तो लोगों का हुजूम उत्साह शोर में छलक उठा। मोना ने गीतों का सिलसिला श्याम तेरी बंसी से शुरू किया तो पूरा वातावरण उत्सवी हो उठा। हर चेहरे पर उत्साह की तरंगें तैरने लगीं। हाथों से डांडिया गूंज उठने लगी और पैरों की थिरकन बढ़ चली। जोड़े एक-दूसरे के साथ डांडिया लड़ा रहे थे। गीत के भावों के अनुसार चेहरे पर भाव आ-जा रहे थे।
चरम पर था युवाओं का उत्साह
मंच के ठीक सामने कई जोड़े हर गीत पर डांडिया प्रस्तुत कर कार्यक्रम को और मनोहारी बना रहे थे। युवाओं का उत्साह देख सिंगर मोना का जोश भी बढ़ता जा रहा था। वह एक के बाद एक गीत से लोगों का दिल जीतने की हर संभव कोशिश करती दिख रही थीं। मोना का साथ दे रहे सिंगर महबूब अली ने अपने सुरीले गीतों से रही-सही कसर भी पूरी कर दी। वह समय-समय पर मंच पर आते रहे, सभी को जोश बढ़ाते रहे। परिसर में मौजूद कोई भी ऐसा व्यक्ति या जोड़ा नहीं दिखा, जो नृत्य के मूड में न हो। महिला-पुरुष, बच्चे सभी डांडिया का लुत्फ उठा रहे थे।
भव्य समारोह में हुआ कार्यक्रमों का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत दैनिक जागरण समूह के निदेशक सुनील गुप्त, महापौर सीताराम जायसवाल, मंडलायुक्त जयंती नार्लिकर, एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता, पूर्वोत्तर रेलवे के पूर्व मुख्य कार्मिक अधिकारी एलबी राय, सीपीआरओ पंकज सिंह, एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ, एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे, एडीएम एफआर राजेश कुमार सिंह, एसपी ट्रैफिक आदित्य प्रकाश वर्मा आदि ने दीप जलाकर की।
इसके बाद अतिथियों ने मां सरस्वती, दैनिक जागरण के संस्थापक स्व.पूर्णचंद्र गुप्त व पूर्व प्रधान संपादक स्व. नरेंद्र मोहन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। अतिथियों का स्वागत करते हुए जागरण के निदेशक सुनील गुप्त ने कहा कि संस्थान के पूर्व प्रधान संपादक नरेंद्र मोहन जी के जन्मदिन के अवसर पर डांडिया का आयोजन किया गया है। इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बनने के लिए मैं खासतौर से आया हूं। आभार ज्ञापन संपादकीय प्रभारी जितेंद्र त्रिपाठी व सहायक महाप्रबंधक प्रवीण कुमार ने किया। इस दौरान विज्ञापन प्रबंधक रमेश कुमार, प्रसार प्रबंधक डॉ. राजेश यादव और सीनियर मैनेजर एकाउंट अरुण श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की प्रस्तुति रैक्स क्रिएशन की रही।
इन गीतों ने बढ़ा दी रौनक
श्याम तेरी बंसी को बजने से काम
मैं तो भूल चली बाबुल का देश
उड़ी-उड़ी जाए, उड़ी-उड़ी जाए
जोगाड़ा तारा
नगाड़ा संग ढोल बाजे
रंगीलो म्हारो ढोलना
एक मैं और एक तू
बाबूजी जरा धीरे चलो
दमादम मस्त कलंदर
चिटियां कलाइयां रे
ताल से ताल मिला
तोते-तोते हो गया
सारी के फाल सा
ढोली तारो ढोल बाजे
और खुशनुमा हो गया मौसम का मिजाज
सिंगर मोना भट्ट ने जब तराना छेड़ा तो माहौल व मौसम दोनों खुशनुमा हो गया। माहौल में उत्सव व उल्लास की सुगंध व्याप्त हो गई तो मौसम का मिजाज डांडिया रास का साथी बन गया। माहौल अनुकूल मिला तो डांडिया को लेकर युवा जोड़ों का उत्साह बढ़ गया। मंच से मोना की सुर गूंजते तो सामने थिरकते लोगों के एक साथ सैकड़ों हाथ ऊपर उठते और फिर शुरू हो जाती सुर और डांडिया के धुन की जुगलबंदी। युवाओं का उत्साह देख ब'चे भी उछल पड़ते।
गुजराती भाषा का गीत गाकर छा गईं मोना
गुजराती डांडिया हो और गुजराती गीत नहीं। ऐसा कैसे हो सकता है। मोना ने मौके की नजाकत को समझा और कई बार ङ्क्षहदी गीतों को गुजराती में गाकर छा गईं। ऐसा एक-दो नहीं बल्कि करीब एक दर्जन बार हुआ। गुजराती गीत सुनते ही लोगों का उत्साह और बढ़ गया। उन्होंने नृत्य की गति बढ़ा दी।
गीतों के साथ बढ़ चला उत्साह
जैसे-जैसे गीतों का सिलसिला बढ़ा, माहौल का रंग बढ़ता गया। ऐसा लगा कि डांडिया पर केवल लोग ही नहीं झूम रहे बल्कि रात भी थिरक उठी है। युवा जोड़े देर रात तक डांडिया पर धमाल मचाते रहे। बिजली के झालरों के छोटे-छोटे सतरंगी बल्ब परिसर में एक नए लोक का सृजन कर रहे थे।
लोगों ने लिया लजीज व्यंजनों का स्वाद
जहां लोगों ने डांडिया नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार किया, वहीं किनारे लगे खान-पान के स्टाल पर लजीज व्यंजनों का स्वाद भी लिया। अलग-अलग स्टालों पर विविध प्रकार के उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय व विदेशी व्यंजन उपलब्ध थे।
महिलाओं और पुरुषों में मची होड़
एंकर से लेकर सिंगर तक महिलाओं और पुरुषों की होड़ बढ़ाकर आयोजन में गर्मी लाने के लिए प्रयास करते दिखे। आह्वान पर कभी शोर तो कभी नृत्य को लेकर जब होड़ हुई तो जो पक्ष कमजोर पड़ा, दूर खड़े लोगों उसमें शामिल हो गए। यह सिलसिला आयोजन के समापन तक चलता रहा।
डांडिया जैसे आयोजन शहर को जीवंत बनाते हैं। जागरण इसे लेकर अपनी जिम्मेदारी को समझता है। जागरण के इस प्रयास से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। बहुत सुंदर प्रयास है। - जयंत नार्लिकर, कमिश्नर
भाग-दौड़ भरी जिंदगी में गीत-संगीत के आयोजन जीवन के रस को बनाए रखते हैं। जागरण का यह प्रयास काफी सराहनीय है। खुशी है कि मुझे भी इसका हिस्सा बनने का अवसर मिला। - राजेश कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व
डांडिया आयोजन के प्रति लोगों का उत्साह देखकर अ'छा लगा। जागरण ने ऐसे आयोजन का साक्षी बनने का अवसर दिया, इसके लिए उसका आभारी हूं। सराहना करता हूं। - रुपेश खरे, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग