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बांध को काट रही नदी, नहीं हो रही मरम्मत

गोरखपुर : बाढ़ बचाव को लेकर चाहे जितने भी दावे किए जा रहे हों मगर हकीकत इससे बिल्कुल जुदा है। गाहासा

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 01:00 PM (IST)
बांध को काट रही नदी, नहीं हो रही मरम्मत
बांध को काट रही नदी, नहीं हो रही मरम्मत

गोरखपुर : बाढ़ बचाव को लेकर चाहे जितने भी दावे किए जा रहे हों मगर हकीकत इससे बिल्कुल जुदा है। गाहासाड़ से लेकर नौसड़ तक बने 11.250 किमी लंबे बोक्टा-बरवार बांध की हालत काफी खराब हो चुकी है। वर्तमान में नदी किमी दो के पास बांध से सट गई और कटान भी कर रही है, जिसपर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही है। इसके अलावा पिछले वर्ष बांध में आधा दर्जन रिसाव वाले स्थानों पर भी कोई काम नहीं कराया गया है, जिससे स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है।

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राप्ती नदी के दाहिने तट पर गीडा तथा आस-पास के गांवों की सुरक्षा के लिए लगभग 11.250 किमी लंबे बोक्टा-बरवार बांध का निर्माण कराया गया है। गाहासाड़ से पुल के पास से शुरू होने वाले बांध की स्थित ठीक नहीं है। मरम्मत के नाम पर इस वर्ष कोई काम नहीं कराया गया। अभी हाल ही में नदी में हल्का सा पानी बढ़ा तो बांध तक नदी का पानी पहुंच गया और किमी दो के पास कटान भी करने लगी है। जिस जगह पर कटान हो रहा है उसके दो मीटर के आस-पास कई जगह रिसाव भी हुआ था लेकिन उसकी भी मरम्मत नहीं हो सकी। इसके अलावा बरवार गांव के पास भी रिसाव होने के कारण काफी हो हल्ला मचा था। सबसे अधिक दिक्कत कोलिया से लेकर नौसड़ तक हुआ था। नौसड़ में तो पानी बांध के ऊपर आने की स्थित में आ गया मगर ग्रामीणों ने बोरा डाल कर किसी तरह से बांध को बचा लिया था। हालांकि इस दौरान सहजनवां आने वाले रास्ते को बंद तक करना पड़ था। अब फिर मानसून करीब आ गया है और बाढ़ की दस्तक को लेकर तैयारी की जा रही है लेकिन बांध के कमजोर स्थानों पर कोई काम नहीं होना ¨सचाई विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है।

अधिशासी अभियंता रूपेश कुमार खरे ने कहा कि कालेसर जीरो प्वाइंट से लेकर गाहासाड़ पुल तक कार्य के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा कुछ और जगहों पर जल्द ही काम करा दिया जाएगा।

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1998 में बांध कटने के बाद मची से तबाही

वर्ष 1998 में पानी के दबाव के बाद बरवार गांव के पास बांध टूट गया था। बांध के टूटने से क्षेत्र में काफी तबाही मची थी। गोरखपुर से लखनऊ का मार्ग बंद हो गया था। इसका असर रेल मार्ग पर भी देखने को मिला था।

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बांध देख सता रहा है बाढ़ का डर

कालेसर निवासी रामदेव यादव का कहना है कि वर्तमान में बंधे की हालत काफी जर्जर हो चुकी है। ¨सचाई विभाग बाढ़ के समय बड़े-बड़े दावे करता है मगर काम के नाम पर कुछ नहीं कराया गया है। गांव के पास अभी ही नदी कटान कर रही है तो आगे क्या हाल होगा? इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। दिलीप का कहना है कि ¨सचाई विभाग बांध पर रिसाव वाले स्थानों पर कोई काम नहीं कराया है, जिससे आस-पास के गांवों के लोगों में भय बना है। इस बार फिर से रिसाव हुआ तो बांध को बचाना मुश्किल हो जाएगा। सूरज का कहना है कि मानसून आने वाला है, लेकिन बांध पर कोई काम ही नहीं कराया गया, जबकि मंत्री से लेकर अधिकारी लगातार दौरा कर रहे हैं। बांध को सही कराने के लिए पत्र भी दिया गया फिर भी विभाग संजीदा नहीं है। आकाश कहते हैं कि सबसे भयावह हालात नौसड़ पुलिस चौकी के पास पैदा हुई थी मगर उसको भी अभी तक सही नहीं कराया गया है। बांध टूटा तो गीडा को भी बचाना मुश्किल हो जाएगा।


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