गोभी, टमाटर और बैंगन की खेती कर गढ़ रहे तरक्की की राह Gorakhpur News
अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो कोई काम मुश्किल नहीं है। यह साबित कर दिया है महराजगंज जिले के भिटौली लखरहिया निवासी हिरेंद्र साहनी ने। आर्थिक तंगी से परेशान हिरेंद्र ने परंपरागत से हटकर वैज्ञानिक विधि से सब्जी की खेती शुरू की।
सुशील कुमार शुक्ल, गोरखपुर : अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा है, तो कोई काम मुश्किल नहीं है। यह साबित कर दिया है महराजगंज जिले के भिटौली लखरहिया निवासी हिरेंद्र साहनी ने। आर्थिक तंगी से परेशान हिरेंद्र ने परंपरागत से हटकर वैज्ञानिक विधि से सब्जी की खेती शुरू की और संकल्प का हल चलाकर गरीबी की तस्वीर में खुशी के रंग भर दिए हैं। एक साल में लाख रुपये का मुनाफा कमा खुद के साथ स्वजन की जिंदगी संवार रहे हैं। यूं तो महराजगंज जनपद के सदर विकास खंड के लखरहिया के किसान हिरेंद्र पहले दो एकड़ में धान, गेहूं की खेती करते थे, लेकिन परिवार के बढ़ने के साथ जब जिम्मेदारियों का बोझ पड़ा तो घर चलाना मुश्किल होने लगा, फिर आय बढ़ोत्तरी के लिए लीग से हटकर सब्जी की खेती में जुट गए। बीस वर्ष पूर्व उन्होंने आधा एकड़ में प्रयोग के तर्ज पर गोभी, टमाटर के पौधे लगाए। इससे पचास हजार रुपये का मुनाफा हुआ तो सब्जी की खेती के दायरे को बढ़ा दिया। अब वह 1.50 एकड़ में गोभी, टमाटर और बैंगन की खेती कर रहे हैं, जबकि आधे एकड़ में गेहूं बोते हैं। खेती में उनकी पत्नी तेतरी देवी और बेटा विष्णु भी सहयोग करते हैं। हिरेंद्र ने बताया कि मन से खेती की जाए तो अच्छी आय होती है।
इनके लिए प्रेरणास्रोत बनें हिरेंद्र
हिरेंद्र की प्रेरणा से गांव के बड़ी संख्या में लोगों ने भी सब्जी की खेती अपनाने लगे हैं। ईशा, योगेंद्र साहनी, ब्रह्मानंद, वीरेंद्र, छैबर साहनी, नसरु, बउध साहनी, जददू, पड़ोही सब्जी की खेती कर खुशहाल जीवन जी रहे हैं। इनके बच्चे कान्वेंट में पढ़ रहे हैं।
खपरैल से पक्का में तब्दील हुआ मकान
सब्जी की खेती की जरिये ही हिरेंद्र ने अपने खपरैल के मकान को पक्का में तब्दील करा लिया है। सुख-सुविधा के सारे सामान उपलब्ध करा लिए हैं। खेती से मिले आय से अपनी चार बेटियों की शादी भी अच्छे परिवार में कर चुके हैं।