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जिला अस्‍पताल का सीटी स्कैन मशीन खराब, छत भी टपक रही

जिला अस्पताल में पांच दिन से सीटी स्कैन मशीन खराब है। मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। उन्हें निजी संस्थानों में तीन गुना से अधिक रुपये देकर सीटी स्कैन कराना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में इसका शुल्क मात्र पांच सौ रुपये हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 01:10 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 01:10 PM (IST)
जिला अस्‍पताल का सीटी स्कैन मशीन खराब, छत भी टपक रही
जिला अस्‍पताल का सीटी स्कैन मशीन खराब। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : जिला अस्पताल में पांच दिन से सीटी स्कैन मशीन खराब है। मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। उन्हें निजी संस्थानों में तीन गुना से अधिक रुपये देकर सीटी स्कैन कराना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में इसका शुल्क मात्र पांच सौ रुपये हैं, जबकि बाजार में 1700 रुपये देने पड़ते हैं।

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30 मई से मशीन ने काम करना किया बंद

सीटी स्कैन की मशीन जिस कमरे में लगाई गई है, उस छत से बारिश का पानी टपकता है। पानी मशीन में चला गया। इसकी वजह से उसने 30 मई से काम करना बंद कर दिया है। हालांकि आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान सीटी स्कैन कराने वाले मरीजों की संख्या बहुत कम है। फिर भी जो मरीज आ रहे हैं। उन्हें वापस होना पड़ रहा है और बाजार में जाकर महंगे दाम पर कराना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी महराजगंज व कुशीनगर से मेडिकोलीगल के लिए आने वाले मरीजों को हो रही है। रोज एक-दो मरीज वहां से रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंचते हैं। उनके सामने दिक्कतें बढ़ गई हैं।

बारिश के कारण मशीन हो गई है खराब

जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसी श्रीवास्तव ने कहा कि बारिश की वजह से मशीन खराब हो गई है। इंजीनियर को बुलाया गया था। उसने बताया है कि इसमें कोई खराबी नहीं है। पानी चला गया है। मौसम ठीक होने पर दो-चार दिन में अपने आप सही हो जाएगी। एक-दो दिन में यदि ठीक नहीं होती है। पुन: इंजीनियर को बुलवाकर उसे बनवाया जाएगा।

कोरोना की तीसरी लहर से बचाएगा योग

कोरोना की तीसरी लहर से योग व प्राणायाम बचाएगा। इसके जरिये हम केवल कोराना ही नहीं, अनेक प्रकार की बीमारियों से खुदको बचा सकते हैं। इसके लिए भारतीय योग संस्थान की निश्शुल्क कक्षाएं नियमित चल रही हैं। कोई भी योग सीख सकता है। यह बातें योगाचार्य कविता भाटिया व हिमांशु राहुजा ने कही। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में वर्चुअल कक्षाएं चलाई जा रही हैं। 15 जून से सुबह-शाम जूम एप पर बड़ों के लिए व 29 अप्रैल से सुबह 6.30 बजे से बच्चों के लिए कक्षाएं चलाई जा रही हैं। योग बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने में समर्थ है।


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