एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट पर अपलोड होगा गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों का क्रेडिट
गोरखपुर विश्वविद्यालय में सीबीसीएस पैटर्न के तहत अध्यापन कार्य को सुचारू रूप से चलाने को लेकर कुलपति प्रो.राजेश सिंह ने 18 नवंबर को सभी विभागाध्यक्षों के साथ आनलाइन बैठक की। इस दौरान उन्होंने इस पर विस्तार से चर्चा की।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सीबीसीएस पैटर्न के तहत अध्यापन कार्य को सुचारू रूप से चलाने को लेकर कुलपति प्रो.राजेश सिंह ने 18 नवंबर को सभी विभागाध्यक्षों के साथ आनलाइन बैठक की। इस दौरान उन्होंने इस पर विस्तार से चर्चा की।
बेहद यूजर फ्रेंडली है सिस्टम
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट के तहत क्रेडिट को अपलोड किया जाना अनिवार्य है। इसके तहत यदि किसी छात्र का क्रेडिट अपलोड नहीं होता है और वह छात्र किसी दूसरे विश्वविद्यालय में ट्रांसफर लेता है, तो उसका क्रेडिट अपलोड नहीं होगा। जिन विश्वविद्यालयों में इनका अनुपालन किया जा रहा है वहां ये बेहद यूजर फ्रेंडली है।
22 नवंबर तक होगा छात्रों का पंजीकरण
उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश पर विश्वविद्यालय के साथ-साथ महाविद्यालयों में भी सीबीसीएस पैटर्न को अनिवार्य रूप से लागू किया जाना है। ऐसे में सीबीसीएस पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को 22 नवंबर तक पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
छात्र और शिक्षक के बारे में होगी पूरी जानकारी
पंजीकरण के लिए अलग-अलग रंग के पंजीकरण फार्म भी विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किए गए हैं। जिसमें एक छात्र को पाठ्यक्रम के साथ-साथ कौन से शिक्षक उन्हें पढ़ा रहे हैं इसकी भी जानकारी मौजूद रहेगी। कुलपति ने कहा कि सीबीसीएस के प्रत्येक पाठ्यक्रम को एक शीर्षक एवं एक कोड दिया गया है। पाठ्यक्रम कोड, पाठ्यक्रम शीर्षक, पाठ्यक्रम सामग्री और क्रेडिट लोड के अनुसार संशोधित पाठ्यक्रम सभी संबंधित विभागाध्यक्षों एवं कुलसचिव कार्यालय में सहायक सचिव अकादमिक के पास उपलब्ध है। अगर कोई कालेज उस पैटर्न को चाहता है तो वह यहां संपर्क कर इसे हासिल कर सकता है। विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों के स्नातक प्रथम वर्ष में सीबीसीएस पैटर्न को शासन के निर्देश पर लागू किया जाना है।
सीबीसीएस पैटर्न पर होगी वर्ष 2019-20 की प्री-पीएचडी परीक्षा
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्री-पीएचडी 2019-20 के विद्यार्थियों की परीक्षाएं विश्वविद्यालय के आर्डिनेंस 2018 के मुताबिक सीबीसीएस पैटर्न पर ही होंगी। पांच-पांच क्रेडिट के रिसर्च मेथोडोलाजी और कंप्यूटर एप्लीकेशन का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसे लेकर सभी विभागाध्यक्षों से सुझाव मांगा गया है। इन पाठ्यक्रमों को लेकर जो सुझाव आया है उसे यूजीसी की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर शामिल किया गया है। इनकी परीक्षा विभागाध्यक्ष ना कराकर मिडटर्म, एंडटर्म व प्रैक्टिकल परीक्षा नियंत्रक ही कराएंगे।
चिह्नित किए जाएंगे पठन-पाठन के माहौल को खराब करने वाले विद्यर्थी
18 नवंबर को कुलपति प्रो.राजेश सिंह की अध्यक्षता में एक घंटे तक चली डीन, विभागाध्यक्ष, अधिकारियों से हुई चर्चा के उपरांत यही निष्कर्ष निकला है। कुलपति ने कहा कि ऐसे विद्यार्थियों को चिह्नित किया जाएगा जो बेवजह विश्वविद्यालय में पठन-पाठन के माहौल को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इनसे सख्ती से निपटेगा। प्रदर्शन करने वाले ज्यादातर छात्र भौतिकी, रसायन, राजनीति विज्ञान, गणित और जूलोजी विभाग के हैं इनके एडवाइजर से भी स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
विभागाध्यक्षों से मांगा गया था सुझाव
विश्वविद्यालय के द्वारा प्री-पीएचडी परीक्षाओं के नोटिफिकेशन को लेकर सभी विभागाध्यक्षों से पूर्व में सुझाव मांगा गया था, लेकिन किसी ने कोई सुझाव नहीं दिया है। इन विद्यार्थियों की परीक्षा वर्ष 2020-21 के विद्यार्थियों के साथ इसी सेमेस्टर में होगी।