निहत्थे परिवार ने सशस्त्र पुलिस वालों को कैसे लूटा ?, कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर निरस्त किया लूट का मुकदमा
कुशीनगर में पुलिस व युवकों के बीच हुई मारपीट के मामले का कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए लूट का मुकदमा निरस्त कर दिया। दरअसल किसी भी व्यक्ति के गले यह बात नहीं उतर रही है कि एक निहत्था परिवार सशस्त्र पुलिस वालों को कैसे लूट सकता है ?
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिलेे के कसया के हाईवे किनारे स्थित होटल में मंगलवार रात पुलिस व युवकों के बीच हुई मारपीट के मामले का बुधवार को कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय शोभित राय की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए घटना के दौरान मौजूद रहीं लड़कियों का बयान दर्ज किया। कोर्ट ने मामले में दर्ज लूट के मुकदमे को भी निरस्त करने का आदेश दिया। कोर्ट में पुलिस द्वारा पेश किए गए सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया। कानून के जानकारों के अनुसार किसी मामले में कोर्ट का स्वत: संज्ञान लिए जाने का कुशीनगर के इतिहास में यह पहला मौका है। कोर्ट की सुनवाई करीब डेढ़ घंटे तक चली। इस दौरान परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। कोर्ट के इस रुख को देखते हुए मौजूद पुलिसकर्मी सकते में नजर आए। दरअसल, किसी भी व्यक्ति के गले यह बात नहीं उतर रही है कि एक निहत्था परिवार सशस्त्र पुलिस वालों को कैसे लूट सकता है।
यह है मामला
मंगलवार रात नौ बजे कसया ओवरब्रिज के नीचे एक होटल में एक परिवार के खाना खाते समय पुलिस के साथ मारपीट की घटना हुई थी। पुलिस का कहना है कि कुछ लड़के-लड़कियों के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। जिन्हें डांटा गया तो उन्होंने पुलिस पर हमला बोल दिया। उधर, लड़कियों का आरोप है कि खाना खाते समय बगल की सीट पर बैठे तीन युवकों ने उनके साथ छेड़छाड़ की। अगल-बगल मौजूद स्वजन जब विरोध किया तो वे उन्हें मारने पीटने लगे। बाद में पता चला कि तीनों पुलिसकर्मी हैं। एक ने फोन पर किसी से बात की। उसके कुछ देर बाद ही थाने से और फोर्स आ गई। हमें थाने ले जाया गया, वहां भी मारा पीटा गया।
इस मामले में चौकी इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने सात के विरुद्ध लूट सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। गिरफ्तार छह आरोपितों को पुलिस ने एसीजेएम न्यायालय में प्रभारी एसीजेएम के समक्ष मामला पेश हुआ तो लड़कियां भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत हुईं। आपबीती बताते हुए लड़कियों ने पुलिस पर उनकी न सुनने का आरोप लगाया। न्यायालय ने मामले का स्वतं: संज्ञान लेते हुए तीनों लड़कियों का बारी-बारी से धारा 161 के तहत बयान दर्ज कराया। शासकीय अधिवक्ता व आरोपित पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद मामले में आरोपितों के विरुद्ध दर्ज लूट के प्रयास का मुकदमा निरस्त करने का आदेश दिया। कोर्ट के सुरक्षित फैसले को लेकर पुलिस हलकान है वहीं अन्य लोग में फैसले को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।
ट्वीट कर लड़कियों ने डीजीपी को दी जानकारी
घटना के बाद लड़कियों ने ट्वीट के जरिये डीजीपी से पुलिस की इस उत्पीड़न की घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस के अधिकारी मातहतों को बचाने में जुटे हुए हैं।
चौकी इंचार्ज ने बदली तहरीर
घटना के बाद बैकफुट पर आई पुलिस ने तहरीर में घटना स्थल को ही बदल दिया है। चौकी इंचार्ज नागेंद्र गोंड ने अपनी तहरीर में घटना को कसया स्थित ओवरब्रिज के नीचे दिखाते हुए कसया थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
दागदार हुई वर्दी, अपने ही बनाए जाल में उलझती गई पुलिस
इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका पूरी तरह घिरती दिख रही है। आम लोगों में भी इसे लेकर चर्चा आम है कि जब रक्षक से ही अस्मत का खतरा खड़ा हो जाएगा तो सुरक्षा की जिम्मेदारी किस पर होगी। अपराध की शिकार महिलाएं किससे न्याय की गुहार लगाएंगीं। फिलहाल अपने ऊपर उठ रहे सवालों का जवाब तैयार करने में जुटी पुलिस कदम दर कदम फंसती दिख रही है। पुलिस के कारनामे ही उसके लिए ही मुसीबत बनते जा रहे हैं। होटल में हुई घटना को आेवरब्रिज के समीप होने को लेकर अदालत द्वारा की गई टिप्पणी से भी यह बात साफ हो गई है। सिपाहियों की करतूत से अवगत होने के बाद जिम्मेदारों की चुप्पी भी पुलिसिया कहानी पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। खुद युवतियों ने अदालत के सामने आपबीती बता पुलिस पर जुल्म ढाने का आरोप लगा फफक पड़ी। युवतियां व्यवस्था से अपना कसूर पूछ रही हैं।
क्या कसया में सचमुच लुट गई पुलिस
होटल में हुई मारपीट की घटना के बाद पुलिस ने जो कहानी बताई है उसी आधार पर मौके से हिरासत में लिए गए आधा दर्जन युवकों पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। अपने तहरीर में चौकी इंचार्ज कसया कस्बा नागेंद्र गोंड ने युवकों पर पुलिसकर्मियों से नकदी लूटने का आरोप भी लगाया है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या पुलिस अब अपनी ही सुरक्षा में विफल साबित हो रही है और उसके साथ होटल जैसे स्थान पर लूट की घटनाएं होने लगी है। हालांकि एसीजेएम न्यायालय कसया ने पुलिस के इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए दर्ज लूट के मुकदमे को निरस्त करने का आदेश सुनाया है।
रात में ही आरोपित सिपाहियों का क्यूं नहीं हुआ मेडिकल
युवतियों ने हाेटल में मारपीट करने वाले तीन सिपाहियाें पर अभद्रता करने तथा नशे में होने का आरोप लगाया है। घटना आम होते ही आला अफसर भी मौके पर पहुंच गए थे। तब सिपाहियों का मेडिकल कराए जाने की मांग उठी, ताकि उनके नशे में होने या न होने की पुष्टि हो सके पर आरोपित सिपाहियों का मेडिकल नहीं कराया गया।