इंटरनेट सुविधा से लैस होंगे परिषदीय विद्यालय, पहले चरण में 466 स्कूलों को मिलेगी सुविधा Gorakhpur News
योजना के तहत प्रथम चरण में गोरखपुर समेत 75 जनपदों के चयनित परिषदीय विद्यालयों में फाइबर कनेक्टिविटी के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद के चयनित परिषदीय विद्यालय इंटरनेट सुविधा से लैस होंगे। शासन के निर्देश के क्रम में एफटीटीएच (फाइबर टू द होम) के माध्यम से यह सुविधा विद्यालयों को उपलब्ध कराई जा रही है। योजना के अंतर्गत राज्य स्तर पर राज्य परियोजना निदेशक तथा जनपद स्तर पर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
फाइबर कनेक्टिविटी के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य
योजना के तहत प्रथम चरण में गोरखपुर समेत 75 जनपदों के चयनित परिषदीय विद्यालयों में फाइबर कनेक्टिविटी के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत जिले के 466 ग्राम पंचायत के चयनित परिषदीय विद्यालयों को इंटरनेट सुविधा से जोड़ा जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य विकासखंडों के विद्यालयों में भी फाइबर टू द होम के जरिये इंटरनेट सेवा मुहैया कराई जाएगी।
पहले चरण में इन स्कूलों को मिलेगी सुविधा
कॉमन सर्विस सेंटर के मंडल प्रबंधक राम प्रकाश राय के अनुसार शासन के निर्देश के क्रम में प्रथम चरण में आप्टिकल फाइवर केबल उपलब्ध होने के कारण गोला, उरुवा, बांसगांव बड़हलगंज, पिपरौली, सरदारनगर व कौड़ीराम के ग्राम पंचायत स्थित विद्यालयों में यह इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। बीएसएनएल द्वारा अन्य ब्लाकों में भी फाइवर केबल डालने का कार्य चल रहा है। दूसरे चरण में अन्य विद्यालयों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
दूसरे चरण में बाकी स्कूलों को मिलेगी सुविधा
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि जनपद के चयनित परिषदीय विद्यालयों में इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने की कवायद शुरू हो गई है। प्रथम चरण में फिलहाल 466 ग्राम पंचायतों के चयनित विद्यालयों को इंटरनेट सुविधा से लैस करने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरे चरण में अन्य विद्यालयों को भी इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय हो गया है। उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस के कारण सभी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। परिषदीय विद्यालयों में नेटवर्क की समस्या है। कनेक्टिविटी ठीक न होने के कारण शिक्षक आनलाइन पढ़ाई में परेशानी महसूस करते हैं। उनकी और छात्रों की परेशानियों को देखते हुए शासन ने यह व्यवस्था शुरू कर दी है।