कंट्रोल रूम से हो रही परिषदीय स्कूलों की निगरानी
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि स्कूलों की निगरानी व व्यवस्था में सुधार के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। यह प्रतिदिन सुबह दस से सायं पांच बजे तक क्रियाशील रहता है।
गोरखपुर, जेएनएन। सरकारी स्कूलों में प्रेरणा एप तो नहीं शुरू हो पाया, लेकिन कंट्रोल रूम बनाकर शिक्षकों की निगरानी शुरू हो चुकी है। अभी हाल ही में बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी कार्यालय में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां प्रतिदिन सुबह दस से सायं पांच बजे तक कर्मचारी स्कूलों की व्यवस्थागत ब्योरा एकत्र कर रहे हैं। इसी आधार पर टीम स्कूलों का निरीक्षण करेगी। इस इस दौरान गलत सूचना देने वाले स्कूलों पर नकेल कसी जाएगी।
क्या-क्या ले रहे ब्योरा
कंट्रोल में तैनात कर्मचारी प्रतिदिन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से फोन मिलाकर शिक्षकों की उपस्थिति, खाद्यान्न, यूनीफार्म, एमडीएम कन्वर्जन, कंपोजिंट ग्रांट, पुस्तक वितरण, शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल, बालक शौचालय, बालिका शौचालय, शौचालय में जल की आपूर्ति, दिव्यांग शुलभ शौचालय, मल्टीपल हैंडवॉश वाशिंग यूनिट, कक्षा में टाइल्स की स्थिति, ब्लैक बोर्ड, रसोईघर, विद्यालय की समुचित रंगाई-पुताई, रैंप व रेलिंग की सुविधा, वायरिंग व विद्युतीकरण, फर्नीचर, कमरों की संख्या, चहारदीवारी और समरसेबिल से संबंधित जानकारी पंजिका में दर्ज कर रहे हैं। बाद में इससे विभागीय अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं।
थर्ड पार्टी से भी ले रहे फीडबैक
बीएसए कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम से नियमित थर्ड पार्टी से स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी हासिल कर रहे हैं। कंट्रोल रूम को यह जानकारी स्कूलों के आसपास के लोग और प्रधान उपलब्ध करा रहे हैं। यदि कोई अभिभावक विद्यालय की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है तो वह अपनी शिकायत भी कंट्रोल रूम में दर्ज करा सकता है।
सुबह दस बजे से रहता है क्रियाशील
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि स्कूलों की निगरानी व व्यवस्था में सुधार के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। यह प्रतिदिन सुबह दस से सायं पांच बजे तक क्रियाशील रहता है। यहां आने वाली शिकायतों व अन्य जानकारियों की मैं स्वयं मानीटरिंग करता हूं। यह व्यवस्था बहुत अच्छी है। कहीं से भी शिकायत मिलने पर आगे की कार्यवाही की जाती है।