गोरखपुर के जीआरपी सिपाही पर आय से अधिक संपत्ति अर्जत करने के मामले का केस Gorakhpur News
खोराबार के मदरहवा का रहने वाला अमरेश यादव जीआरपी में सिपाही है। उसका छोटा भाई शैलेश यादव खोराबार ब्लाक का प्रमुख है। पिता जवाहर और बड़े भाई दुर्गेश प्रापर्टी डीलिंग करते हैं। इस पर विजिलेंस के इंस्पेक्टर ने कैंट थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है।
गोरखपुर, जेएनएन। जीआरपी में तैनात अमरेश यादव के खिलाफ विजिलेंस के इंस्पेक्टर ने कैंट थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है। अमरेश यादव का भाई शैलेष यादव खोराबार का ब्लाक प्रमुख है। जीआरपी और जिले में तैनाती के दौरान सिपाही पर ब्लाक प्रमुख भाई, पिता व अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग करने का आरोप है। जांच में आरोप की पुष्टि होने पर विजिलेंस ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार की रात में विजिलेंस इंस्पेक्टर ने तहरीर दी।
शासन के निर्देश पर विजिलेंस ने शुरू की जांच
खोराबार के मदरहवा का रहने वाला अमरेश यादव जीआरपी में सिपाही है। उसका छोटा भाई शैलेश यादव खोराबार ब्लाक का प्रमुख है। पिता जवाहर और बड़े भाई दुर्गेश प्रापर्टी डीलिंग करते हैं। विजिलेंस को शिकायत मिली थी कि अमरेश भी पिता और भाइयों के साथ मिलकर प्रापर्टी डीलिंग करता है। जिसके जरिए उसने अकूत संपत्ति अर्जित की है। शासन के निर्देश पर विजिलेंस इंस्पेक्टर रामधारी मिश्रा ने जांच शुरू की। छानबीन में मिला कि वैध स्रोतों से अमरेश कि कुल आय 52 लाख रुपये हुई। लेकिन इसके साक्षेप में उसने एक करोड़ से अधिक रुपये खर्च किए हैं। आय से दो गुना खर्च करने की पुष्टि होने के बाद विजिलेंस इंस्पेक्टर ने उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी। आरोपित सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए एसपी विजिलेंस ने एडीजी रेलवे के साथ ही शासन को पत्र लिखा था। अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार को थाने पहुंचे विजिलेंस इंस्पेक्टर रामधारी मिश्रा ने अमरेश यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया। मुकदमे की विवेचना विजिलेंस करेगी।
नहीं दे पाया हिसाब
आय से दोगुना रुपये खर्च किए जाने की पुष्टि होने पर सामने आने पर विजिलेंस इंस्पेक्टर ने आरोपित सिपाही अमरेश यादव से जवाब मांगा था। कई बार नोटिस देने के बाद भी वह अपनी बात रखने सामने नहीं आया। जिसके बाद मुकदमा दर्ज कराया गया।