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Coronavirus: मरीज बढ़े, 103 रुपये की दवा अब 38 रुपये में Gorakhpur News

लगभग दो माह के अंदर कारगर दवा फेबिफ्लू की कीमत 103 रुपये से 38 रुपये पर आ गई। इसके साथ ही जिन दवाओं की कीमत नहीं घटी उनकी उपलब्धता बढ़ गई है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 12:19 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 12:19 PM (IST)
Coronavirus: मरीज बढ़े, 103 रुपये की दवा अब 38 रुपये में Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना की दवा फेबिफ्लू के दाम तेजी से गिर रहा है। दो सौ एमजी टेबलेट करीब दो माह पहले 103 रुपये में लांच हुआ था। एक माह बाद ही इसकी कीमत 75 रुपये हो गई। कुछ ही दिन बाद 65, फिर 52 रुपये कीमत हो गई। अब पुन: कंपनी ने इसका दाम घटाकर 38 रुपये कर दिया है। लगभग 15 दिन पहले 98.50 रुपये में लांच 400 एमजी टेबलेट की कीमत भी घटकर 72 रुपये हो गई है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और दवाओं के घटते दाम से मरीजों की बड़ी राहत मिली है।

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दाम घटने से मरीजों को राहत

कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में दवा की घटती कीमत ने मरीजों को बड़ा सहारा दिया है। लगभग दो माह के अंदर कारगर दवा फेबिफ्लू की कीमत 103 रुपये से 38 रुपये पर आ गई। इसके साथ ही जिन दवाओं की कीमत नहीं घटी, उनकी उपलब्धता बढ़ गई है। गंभीर मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। पहले यह इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। अब कई कंपनियों के बनाने के चलते भालोटिया में इसकी पर्याप्त आपूर्ति शुरू हो गई।

फेबिफ्लू की वैधता अवधि बढ़ी

दो माह पहले जब कंपनी ने फेबिफ्लू टेबलेट लांच किया था, उसकी वैधता अवधि मात्र छह माह थी। अब उसे बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है। इसलिए दवा विक्रेता इसे मंगाने में संकोच नहीं कर रहे हैं। पहले कम अवधि होने से खराब होने के डर से यह दवा पर्याप्त मात्रा में नहीं मंगाई जाती थी।

टोसिलीजुमैब इंजेक्शन पहुंचा

काफी दिनों से बाजार से गायब रहने वाला टोसिलीजुमैब इंजेक्शन भालोटिया में आ गया है। कीमत अधिक (44 हजार) होने के बावजूद दवा विक्रेताओं ने इसे मंगाया है। हाल के कुछ दिनों से यह बाजार में नहीं था। जरूरत पडऩे पर लोग इसे दिल्ली से मंगाते थे। यह कोरोना के गंभीर मरीजों को लगाया जाता है।

दाम घटने के साथ दवा की वैधता अवधि बढ़ी

दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया का कहना है कि फेबिफ्लू की जहां कीमत घटी, वहीं उसकी वैधता अवधि भी कंपनी ने बढ़ा दी है। अब यह दवा एक साल बाद खराब होगी। इसलिए बड़े पैमाने पर मंगाई जा रही है। टोसिलीजुमैब इंजेक्शन भी बाजार में आ गया है। सभी दवाएं दवा विक्रेता समिति पिंट मूल्य से कम पर मरीजों को उपलब्ध करा रही है।


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