गोरखपुर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले करानी होगी कोरोना जांच Gorakhpur News
अभ्यर्थी कोरोना जांच के बाद ही टेस्ट दे पाएंगे। अगर किसी अभ्यर्थी ने हाल के दिनों में आरटीपीसीआर कराया है तो वह अपनी जांच रिपोर्ट दिखा सकता है। निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर उसे बिना जांच के भी टेस्ट की अनुमति मिल जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। परिवहन कार्यालय (आरटीओ दफ्तर) में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनने लगे हैं। लेकिन अभ्यर्थियों की भीड़ में कोरोना संक्रमण को रोकना विभाग के लिए चुनौती बन गई है। बुधवार को ही लगभग 100 अभ्यर्थियों का लाइसेंस बना। ऐसे में अधिकारियों ने टेस्ट के लिए विभाग पहुंचने वाले सभी अभ्यर्थियों का कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया है। अभ्यर्थी कोरोना जांच के बाद ही टेस्ट दे पाएंगे। अगर किसी अभ्यर्थी ने हाल के दिनों में आरटीपीसीआर कराया है तो वह अपनी जांच रिपोर्ट दिखा सकता है। निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर उसे बिना जांच के भी टेस्ट की अनुमति मिल जाएगी। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्याम लाल के अनुसार टेस्ट के दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन कराया जा रहा है। कोरोना जांच के लिए कार्यालय परिसर में कैंप लगाया गया है।
एक दिन में 72 अभ्यर्थियों के परमानेंट लाइसेेंस बने
संभागीय परिवहन कार्यालय में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनने शुरू हो गए। पहले दिन 72 अभ्यर्थियों ने लाइसेंस बनवाया। 121 को टेस्ट के लिए बुलाया गया था। इस दौरान बढ़ते संक्रमण को देखते हुए टेस्ट से पहले अभ्यर्थियों की कोरोना जांच भी कराई गई। 50 अभ्यर्थियों की जांच में कोई भी अभ्यर्थी पाजिटिव नहीं मिला। हालांकि, कोरोना कर्फ्यू में टेस्ट के नाम पर खानापूरी ही की गई।
16 जून से ड्राइविंग लाइसेंस का होगा नवीनीकरण
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) श्याम लाल के अनुसार टेस्ट के दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन कराया गया। 16 जून से ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण और लाइसेंस के दूसरी प्रति भी बनने लगेगी। एक जुलाई से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन ने 23 अप्रैल से ही लाइसेंस संबंधी सभी कार्यों को स्थगित कर दिया था। उसके बाद जब कार्यालय खुला तो लोगों की भीड़ बढ़ गई। भीड़ को देखते हुए सभी से सतर्कता बरतने और मास्क लगाने के लिए भी कहा गया। शारीरिक दूरी पालन करने के लिए भी कहा गया।