Coronavirus Side Effect of Blood Clotting: घुटने व कूल्हों पर भी वार कर रहा कोरोना, पर्याप्त खून न मिलने से शुरू होता है दर्द
Coronavirus Side Effect of Blood Clottin एम्स बाबा राघव दास मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में पोस्ट कोविड ओपीडी चल रही है।प्रतिदिन 120 से 150 मरीजों के फोन आते हैं जिनमें से 10 से 15 मरीज पैर व कमर में फटने जैसे दर्द की समस्या बताते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों में पोस्ट कोविड माइल्जिया की शिकायत आ रही है। कमर, पूरे पैर, घुटने व कूल्हों में बेतहाशा दर्द (फटने जैसा) की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार समय पर दवा न चलने से यह गठिया व वात रोगों में तब्दील हो सकता है। पोस्ट कोविड ओपीडी में आ रहे ऐसे मरीजों की संख्या 10 से 12 फीसद है।
एम्स, बाबा राघव दास मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में पोस्ट कोविड ओपीडी चल रही है। एम्स में यह ओपीडी टेली मेडिसिन के जरिये संचालित की जा रही है। वहां प्रतिदिन 120 से 150 मरीजों के फोन आते हैं, जिनमें से 10 से 15 मरीज पैर व कमर में फटने जैसे दर्द की समस्या बताते हैं। जिला अस्पताल में चल रही ओपीडी में कुल 80 मरीज आए। फिजियोथेरेपी विभाग में पहुंचे 25 में से आठ मरीजों में पोस्ट कोविड माइल्जिया की समस्या थी। मेडिसिन की ओपीडी में कुल 55 मरीज आए जिनमें से 15 ने पैर व कमर दर्द की समस्या बताई। मेडिकल कालेज की ओपीडी में 80 मरीज आए जिसमें से 12 इस बीमारी से ग्रसित थे।
क्यों हो रहा पोस्ट कोविड माइल्जिया
बीआरडी मेडिकल कालेज के हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डा. अमित मिश्रा ने बताया कि किसी भी वायरल इंफेक्शन में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से मांसपेशियों में दर्द शुरू हो जाता है। कोरोना में वैस्कुलाइटिस (खून की नलियों में सूजन) की वजह से खून के थक्के जम जाते हैं और मांसपेशियों में पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता है। इस वजह से दर्द शुरू हो जाता है।
कैसे बचें
कोराना संक्रमण के दौरान पानी पर्याप्त पीयें ताकि डिहाइड्रेशन न होने पाए। खून पतला करने वाली दवा अब प्रोटोकाल में है, इसलिए कोविड मरीजों को यह दवा लिखी जा रही है। इसे जरूर लें। योग-व्यायाम करते रहें। यह बीमारी हो जाने पर भी खून पतला करने वाली दवाएं दी जाती हैं। उसकी डोज का मानक तय है। इसके अलावा नसों व मांसपेशियों को आराम पहुंचाने की भी दवाएं भी दी जाती हैं।
घर में भी है उपचार
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. प्रकाश चंद्र का कहना है कि गर्म पानी में नमक डालकर सेंकाई करने से नसों में जमा खून भी साफ हो जाता है और दर्द में आराम मिलता है। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों पर पंचगुड़ तेल उपलब्ध है। उससे पैरों या कमर में मालिस करें और उसके बाद गर्म पानी की थैली से सेंकाई करें। इसके अलावा योगराज गुग्गुल की दो-दो गोली दिन में तीन बार ले सकते हैं। टब में गर्म पानी में बैठने या भाप से सेंकाई करने से भी राहत मिलेगी।
बच्चों व किशोरों में भी हो सकता है गठिया
बीआरडी मेडिकल कालेज में हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डा. अमित मिश्र का कहना है कि पोस्ट कोविड माइल्जिया में कूल्हों व घुटनों के खराब होने की आशंका बढ़ जाती है। लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की वजह से भी हड्डियों में कम•ाोरी और दर्द हो सकता है। सही समय पर इलाज न होने पर यह गठिया में तब्दील हो सकता है। केवल अधिक उम्र के लोगों में ही नहीं, बच्चों व किशोरों में भी गठिया की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस बीमारी में पैरों व कमर में बहुत तेज दर्द होता है।