समय से नहीं मिल रही कोरोना जांच रिपोर्ट, बिना रिपोर्ट भर्ती के लिए भटक रहे मरीज
कोरोना की रिपोर्ट मिलने में देरी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। रिपोर्ट न आने के कारण मरीजों को लौटा दिया जा रहा है। मरीज के स्वजन सभी लक्षण कोरोना के होने और जांच रिपोर्ट पेंडिंग होने का हवाला दे रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ निवासी एक बैंक में अफसर 55 वर्षीय व्यक्ति को खांसी के साथ बुखार आनी शुरू हुई। उन्होंने एंटीजन जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आयी। आरटी-पीसीआर जांच के लिए नमूना लैब में भेजा गया। इस बीच उनकी हालत बिगड़ने लगी। शरीर में आक्सीजन का स्तर लगातार कम होता जा रहा था। स्वजन उन्हें एक प्राइवेट कोविड अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डाक्टरों ने कोविड की रिपोर्ट मांगी। स्वजन ने बताया कि आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। डाक्टरों ने कहा कि लक्षण पूरी तरह कोरोना वाले हैं। जब रिपोर्ट में पाजिटिव हों तो अस्पताल लेकर आइएगा। एक-दो अस्पताल घूमने बाद स्वजन घर आ गए और बाजार से आक्सीजन सिलेंडर खरीदकर इलाज शुरू कराया।
कोरोना के लक्षण दिखने के बाद भी रिपोर्ट के इंतजार में नहीं शुरू हो पा रहा इलाज
कोरोना की रिपोर्ट मिलने में देरी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। रिपोर्ट न आने के कारण मरीजों को कोविड अस्पतालों से लौटा दिया जा रहा है। मरीज के स्वजन सभी लक्षण कोरोना के होने और जांच रिपोर्ट पेंडिंग होने का हवाला दे रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
पांच-छह दिन की वेटिंग
जिले में एंटीजन किट की कमी हो गई है और आरटी-पीसीआर जांच के लिए बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के माइक्रोबायाेलाजी विभाग में पांच-छह दिन की वेटिंग हो गई है। लोग जांच रिपोर्ट जानने के लिए परेशान हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। माइक्रोबायोलाजी विभाग में कई कर्मचारियों के संक्रमित होने के कारण यह स्थित बनी है।
मशीन को गच्चा दे रहा वायरस
कोरोना की दूसरी लहर में वायरस का स्ट्रेन आरटी-पीसीआर मशीन को गच्चा दे रहा है। कुछ मशीन में वायरस पकड़ में ही नहीं आ रहे हैं। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में अगले महीने नई जांच किट आने की उम्मीद है। इस किट से वायरस की सही जानकारी मिलेगा।